जी हां नागरिक एकता मंच के बैनर तले आज दिनांक 13 मई दिन मंगलवार को धनबाद के रणधीर वर्मा चौक स्थित धरना स्थल पर सैकड़ों की संख्या में महिला , पुरूषों ने , जो कि लोदना क्षेत्र से आते हैं, जहां का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है समस्याएं अनगिनत हैं जैसे आउटसोर्सिंग से उठने वाले प्रदूषण,ब्लास्टिंग से लोगो के जख्मी होना, हाइवा के परिचालन से दुर्घटना होना,लगातार ब्लास्टिंग से घरों को नुकसान होना और इन सब से कही अधिक विस्थापन को लेकर है। लोगो का कहना है कि लगभग 20 हजार की आबादी से भरा पूरा यह क्षेत्र एक बहुत बड़े साजिश के तहत उजाड़ा जा रहा है यहां तक कि यहां की मात्र शैक्षणिक संस्था लोदना हाई स्कूल को भी बीसीसीएल ने हटाने का नोटिस जारी कर दिया। अतः केंद्र सरकार और राज्य सरकार के विस्थापन या पुनर्वास के नियमों को ताक पर रख आपसी मिलीभगत से बहुत बड़े साजिश को

अंजाम दिया जा रहा है। यहां तक कि रैयतों को भी मजबूर किया जा रहा है कि वे बिना किसी मुवावजे के जगह ,अपना घर छोड़ कर चले जाएं। लोगो ने जिला प्रशासन से भी कई बार गुहार लगाई लेकिन कोई फायदा नहीं। दुःख की बात तो यह कि एक बसा बसाया क्षेत्र पूरी तरह से बर्बादी के कगार पर खड़ी है। यही नहीं बाजार,बैंक,डाक घर, स्वास्थकेंद्र आदि भी सभी खतरे में है । आज अपने छः सूत्रीय मांग को लेकर नागरिकता एकता मंच ने जिला उपायुक्त से भी मिलने का मन बना लिया है। अब सवाल यह है कि आउटसोर्सिंग कंपनियों के आगे बीसीसीएल,जिला प्रशासन तथा अन्य पदाधिकारियों की चुप क्यों है? प्रस्तुत है पंकज सिन्हा की रिपोर्ट धनबाद से