जामाडोबा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के ओहदे से लाखों का पाइप चोरी, संदेह के घेरे में जेई झरियाः झमाडा के जामाडोबा वाटर फिल्टरेशन प्लांट से एक बार फिर चोरी की खबर सामने आई है। यह चोरी प्लांट कार्यालय के पीछे मात्र 50 मीटर के फासले पर दामोदर नदी के तरफ हो रही है जहां जमीन के नीचे से किमती पाइपों को लोहा चोर तोड़कर टूकड़े-टूकड़े कर ले जा रहे। सूचनानुसार चोरी का यह बारदात पीछले एक माह से चल रहा है और इस दौरान करीब पांच से छह सौ फीट विभिन्न व्यास का पाइप चोरों के हाथ लगा है। 10 इंच से लेकर 18 इंच तक व्यास की इन पाइप की कीमत लाखों में बताई जा रही है। सबसे आश्चर्यजनक पहलु यह है कि इस घटना की जानकारी प्लांट इंचार्ज द्वारा न तो झमाडा के वरीय पदाधिकारियों दी गई है और न ही थाने में एफआईआर दर्ज किया गया है। घटना की आश्चर्यजनक पहलू यह भी है कि इतने मोटे-मोटे और दस-दस फ़ीट लम्बी खोखले कास्ट आयरन के पाइप को चोरों द्वारा हथोड़े से तोड़े जाने के समय भीषण आवाज गुंजना लाजीमि है। लेकिन फिर भी किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। जबकि प्लांट कार्यालय महज कुछ फीट की दूरी पर स्थित है जहां अधिकारी व कर्मियों की टीम ड्यूटी बजाते है। अधिकारियों ने न तो इसे संज्ञान में लिए और न ही बाकी के पाइपों को सुरक्षित स्थानों में रखवाने का प्रयत्न किया।
फलस्वरूप झमाडा का लाखों की पाइप चोरी चली गई। संदेह के घेरे में जेई: न एफआईआर दर्ज और न ही वरीय पदाधिकारियों को सूचना इस मामले में प्लांट इंचार्ज जेई आशुतोष राणा की भूमिका संदेह के घेरे में है। जब उनसे मामले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने घटना की जानकारी होने की बात कही लेकिन साथ में यह भी कहा कि पुलिस को सूचना दी गई है पर कोई कार्रवाई नहीं हुआ। जबकि जोड़ापोखर थाना प्रभारी राजेश प्रकाश सिंहा से पूछे जाने पर उन्होंने झमाडा की ओर से इस तरह की कोई भी सूचना से इनकार किया है। इससे भी बड़ी आश्चर्यजनक बात यह है कि इस चोरी की खबर श्री राणा द्वारा वरीय पदाधिकारी एसडीओ कौशलेश यादव तक को नहीं दी गई। इससे जेई की भूमिका पर सवाल उठने लगा है। प्रस्तुत है पंकज सिन्हा की रिपोर्ट झरिया से।