महाराष्ट्र के पुणे शहर में 29 अप्रैल को हुई एक सभा में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। सभा में शामिल प्रतिभागियों द्वारा मुस्लिम समुदाय के आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार की शपथ लेने का वीडियो सामने आया है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद न्यायिक और सामाजिक हलकों में इसकी कड़ी निंदा हो रही है। वीडियो में सैकड़ों लोग एक साथ शपथ लेते नजर आ रहे हैं।

शपथ का मजमून साफ तौर पर धार्मिक आधार पर बहिष्कार को बढ़ावा देता दिख रहा है। कानूनी जानकारों का कहना है कि यह घटना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15 और 25 का उ
ल्लंघन करती है और आईपीसी की धारा 153A (धर्म के आधार पर वैमनस्य फैलाना) के तहत कार्रवाई हो सकती है। अब सवाल उठता है कि क्या पुणे में हुई यह सभा सिर्फ नफरत फैलाने का मंच थी, या इसके पीछे कोई संगठित रणनीति भी है? प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतज़ार है।