अन्नदा कॉलेज, हजारीबाग के समाजशास्त्र विभाग द्वारा आज “भारतीय जनजातीय भाषाओं के संवर्धन” विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम कॉलेज के सेमिनार हॉल में सुबह 11 बजे आरंभ हुआ। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ नीलमणि मुखर्जी ने मुख्य अतिथि सह वक्ता डॉ गंगानाथ झा को पुष्पगुच्छ था शॉल देकर सम्मानित किया। विषय प्रवेश समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ ललिता राणा ने किया।कार्यक्रम में कॉलेज के प्राचार्य डॉ मुखर्जी ने स्वागत संबोधन करते हुए कहा कि संगोष्ठी का उद्देश्य जनजातीय भाषाओं की वर्तमान स्थिति पर चर्चा करना और उनके संरक्षण एवं संवर्धन के उपायों पर विचार करना है। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग के मानवशास्त्र विभाग के प्रोफेसर गंगनाथ झा थे। अपने वक्तव्य में उन्होंने जनजातीय भाषाओं की सांस्कृतिक विविधता, उनके संरक्षण की

आवश्यकता और भाषाई अधिकारों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जनजातीय भाषाएँ केवल संप्रेषण का माध्यम नहीं, बल्कि ज्ञान, परंपरा और सांस्कृतिक पहचान की संवाहक हैं। इस अवसर पर प्रो इंचार्ज डॉ सुभाष कुमार ने भी संबोधन करते हुए कहा कि आज के समय में जब आधुनिकता के कारण जनजातीय समुदायों की विष्ट पहचान खो रही है तब ऐसे कार्यक्रम आवश्यक हो जाते हैं। संगोष्ठी के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने गहन रुचि दिखाई।इस अवसर महाविद्यालय के विभिन्न विभाग के शिक्षक डॉ जे पी सान्याल,डॉ छाया सिंह,डॉ रत्ना चटर्जी, डॉ ठाकुर प्रसाद,डॉ कृष्णा कुमार यादव ,डॉ बादल रक्षित,डॉ राजर्षी राय,डॉ पंकज उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ सुरोजित दास ने की।