एनटीपीसी के चट्टीबरियातू कोयला खनन परियोजना क्षेत्र के अंतर्गत राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय जोरदाग से सटे महज 70 मीटर के दूरी में कोयले कि खनन और गुरुवार रात्रि लगभग 600 पेड़ की कटाई हो जाने से शनिवार को सैकड़ो जोरदाग गांव के आक्रोशित जनप्रतिनिधी व ग्रामीणों ने खनन कार्य मे लगे मशीनों को साइट करवा कर धरने में बैठ गए हैं।ग्रामीणों का कहना है।एनटीपीसी द्वारा विधालय में पढ़ रहे बच्चों के लिए अभी तक विधालय व कहि स्थानांतरित नही किया और एनटीपीसी विधालय तोड़वाना चाह रही है।ग्रामीणों को कहना है कि विधालय में पढ़ रहे स्कूल के छात्र खतरनाक परिस्थितियों में पढ़ने को मजबूर हैं, क्योंकि पास की कोयला खदान से रोजाना विस्फोट होने से उनकी सुरक्षा को खतरा है। इस पर एनटीपीसी के अधिकारीयों का कोई ध्यान नही है।वहीं प्रमुख प्रतिनिधि प्रेम रंजन पासवान ने कहा कि विद्यालय तोड़ने

व खनन करने में कोई मना नही किया है बसरते कंपनी अपना सारा सुविधाऐं उपलब्ध व विधालय बनवाकर बच्चे को स्थानांतरित कर पेड़ कटाई व विधालय को ध्वत करने का काम करें, ऐसा नही करने पर जोरदाग गांव के ग्रामीण बाध्य होकर आंदोलन करेगें ऋत्विक कंपनी के लाइजनर रवि सिन्हा ने बताया कि जिस लेंड में पेड़ की कटाई की गई है,उस जमीन में फॉरेस्ट क्लीयरेंस था। अंचलाधिकारी रामरतन वर्णवाल ने बताया कि विधालय बनवाने को लेकर स्थल का चयन किया गया है।जल्द ही विद्यालय बनवाने का कार्य शुरू किया जाएगा।उन्होंने पेड़ की कटाई की सुचना नही मिलने की बात बताया।