“दर्द जायज़ है… मगर गुनहगार कौन?” भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक महिला की गुहार और गुस्सा दोनों सामने आए। यूपी के जौनपुर की रहने वाली इस महिला की शादी 11 साल पहले पाकिस्तान में हुई थी। अब वह अपने बूढ़े मां-बाप से मिलने भारत आई थीं, लेकिन सीमा पर उन्हें वापस लौटने का दबाव झेलना पड़ा।

महिला ने कहा, “क्या इंसानियत से ऊपर अब सीमाएं हो गई हैं? हम न इधर के रहे, न उधर के…” आतंकी घटनाओं के बाद न केवल राजनयिक रिश्ते टूटे हैं, बल्कि ऐसे हजारों परिवार भी टूटकर बिखर गए हैं, जिनका दोष कुछ भी नहीं, सिवाय इसके कि वे दोनों मुल्कों के बीच फंसे हुए हैं। अब सवाल उठता है — क्या राजनीति के बीच इंसानियत की कोई जगह बची है?