गुजरात से एक बड़ी खबर सामने आई है जहां पुलिस ने नकली करेंसी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। कार्रवाई के दौरान बड़ी मात्रा में जाली नोट जब्त किए गए, जिनकी कुल कीमत लाखों में बताई जा रही है। पुलिस को मिली गुप्त सूचना के आधार पर विशेष टीम ने छापा मारा और कई लोगों को हिरासत में लिया है। शुरुआती जांच में यह एक संगठित गिरोह का हिस्सा लग रहा है, जो नकली नोटों के जरिए बाजार में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा था। अब सवाल ये उठ रहा है कि ऐसे बड़े घोटालेबाज

अक्सर गुजरात में ही क्यों पकड़ में आते हैं? क्या यह कानून-व्यवस्था की सफलता है या आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरे का संकेत? जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि इन नोटों का सोर्स कहां से है, और क्या इसके तार अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े हैं?