अभी बड़ी खबर आ रही है उत्तराखंड के देहरादून से, जहाँ एक विवादित बयान सामने आया है।” 📢 “हिंदू रक्षा दल के एक समूह ने कश्मीरी मुसलमान छात्रों को 24 अप्रैल से पहले राज्य छोड़ने की धमकी दी है।” “यह धमकी तब दी गई, जब 23 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों की हत्या के प्रतिशोध में इस तरह की भड़काऊ बयानबाजी की गई।” 🔴 “समूह के नेता, ललित शर्मा ने दावा किया कि उनकी लड़ाई इस्लाम से है, और उन्होंने कश्मीरी मुसलमानों को सुबह 10 बजे से पहले राज्य छोड़ने की चेतावनी दी।” “वीडियो में, उन्होंने कहा कि संगठन के सदस्य कश्मीरी मुसलमानों पर छापेमारी करेंगे और इस बारे में गंभीर कार्रवाई की जाएगी।” 🔍 “समूह के द्वारा यह विवादित बयान खासा चर्चा में आया है, और सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह कश्मीरियों के साथ दुर्व्यवहार और उनकी सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है।” “क्या यह बयान भारत की

धर्मनिरपेक्षता और कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं?” “क्या ऐसे बयान देश में भाईचारे और अमन-चैन को नुकसान पहुँचाते हैं?” “विभिन्न विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के बयान हिंसा और घृणा को बढ़ावा दे सकते हैं, और इसकी रोकथाम के लिए कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।” 🛑 “क्या सुरक्षा एजेंसियाँ इस बढ़ते खतरे को गंभीरता से ले रही हैं? क्या कश्मीरी मुसलमानों के खिलाफ इस तरह की धमकियों से समाज में और तनाव बढ़ सकता है?” “इस मामले पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन भारत सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस पर जल्दी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि कोई अप्रिय घटना ना हो।”