आज एक बड़ा सवाल — क्या मीडिया का ध्यान जानबूझकर बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई गंभीर घटना से हटाया जा रहा है? और क्या इसके लिए पहलगाम में हुए आतंकी हमले को एक टाइमिंग टूल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है? यह मामला धीरे-धीरे सुर्खियों में आ रहा था और जनता सवाल पूछने लगी थी — लेकिन तभी खबर आई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम से, जहाँ एक आतंकी हमले ने फिर एकबार देश को झकझोर कर रख दिया है जहाँ कल शाम हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया है। लेकिन जिस तरह से अचानक राष्ट्रीय मीडिया ने पूरी तरह से मुर्शिदाबाद की घटना से नजरें हटा ली हैं, वो सवाल खड़े कर रहा है।” क्या पहलगाम का यह हमला सच में अचानक था? या फिर इसे मीडिया के एक हिस्से द्वारा बंगाल की राजनीतिक और सामाजिक अस्थिरता से ध्यान भटकाने के लिए उछाला जा रहा है? किसी भी आतंकी हमले को हल्के में नहीं लिया जा सकता। लेकिन जिस तरह से मीडिया की कवरेज अचानक एक दिशा में शिफ्ट होती है, वह सवाल उठाता है कि क्या ये सिर्फ सूचना देना है या फिर एजेंडा सेट करना?” “तो क्या हम मुर्शिदाबाद की घटना को यूँ ही भुला देंगे? और क्या पहलगाम की आड़ में सच से मुँह मोड़ लिया गया है? जनता को अब सतर्क रहना होगा और सच को जानने के लिए सवाल पूछते रहना होगा।
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मुर्शिदाबाद से ध्यान भटकाने की साजिश ? पहलगाम आतंकी हमले पर बढ़ता मीडिया फोकस
