पहलगाम आतंकी हमले को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा — “नेता भले कहते रहें कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, लेकिन इस घटना ने साफ कर दिया कि धर्म के आधार पर लोगों की पहचान कर गोली मारी गई।” उन्होंने आरोप लगाया कि पीड़ितों के कपड़े उतरवाकर खतना जांची गई और फिर उन्हें निशाना बनाया गया।

शंकराचार्य का यह बयान अब एक नई बहस को जन्म दे रहा है — क्या अब आतंकवाद को धार्मिक पहचान से जोड़कर देखना ज़रूरी है?