कानपुर में आतंकी हमले में शहीद हुए शुभम द्विवेदी की अंतिम यात्रा से पहले का माहौल बेहद भावुक था। जैसे ही पार्थिव शरीर घर पहुंचा, पत्नी और परिवार का रो-रो कर बुरा हाल हो गया।

पूरे मोहल्ले में शोक की लहर दौड़ गई — हर आंख नम थी, हर चेहरा ग़मगीन। हजारों की भीड़ ने “शहीद शुभम अमर रहें” के नारों के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी। ये सिर्फ एक बेटे की विदाई नहीं, बल्कि देश के लिए बलिदान की गूंज थी।