मध्यप्रदेश के जबलपुर से एक बेहद संवेदनशील और चिंताजनक मामला सामने आया है,जहां कथित तौर पर एक मुस्लिम युवक पर “अपशब्द कहने” का झूठा आरोप लगाया गया —और इसके बाद माहौल इतना बिगड़ा कि धार्मिक नारेबाज़ी और भड़काऊ भाषणों से इलाका तनाव में आ गया।घटना बुढ़ी खेरमाई मंदिर के पास की बताई जा रही है।

आरोप है कि एक मुस्लिम युवक पर यह कहकर आरोप लगाया गया कि उसने माँ बुढ़ी खेरमाई को लेकर आपत्तिजनक बात कही.लेकिन चश्मदीदों और पुलिस के मुताबिक, ऐसी कोई पुष्टि नहीं हुई है।फिर भी, हिंदू संगठन के कुछ कार्यकर्ता एकत्रित हुए, और मुसलमानों और अज़ान को लेकर अपमानजनक टिप्पणियां की गईं।सबसे चिंताजनक बात ये रही कि यह सब पुलिस की मौजूदगी में हुआ,लेकिन किसी तरह की सख्त कार्रवाई होती नहीं दिखी। क्या आज झूठे आरोपों के सहारे पूरे समुदायों को निशाना बनाना, समाज को तोड़ने की साज़िश नहीं है? क्या प्रशासन की चुप्पी, नफरत फैलाने वालों को खुली छूट दे रही है? आज ज़रूरत है सच्चाई की, शांति की, और समझदारी की।क्योंकि हमें मिलकर नफरत नहीं, भारत को बचाना है।