जहां “शिव तिलक” लिखा एक वाहन भीड़ की सांप्रदायिक नफरत का निशाना बन गया।घटना के दौरान वाहन पर तोड़फोड़ की गई, और सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि एक युवक ने वाहन पर लिखे ‘शिव तिलक’ को लात मारी, लेकिन पुलिस वहीं खड़ी होकर तमाशा देखती रही। यह घटना उस समय घटी जब इलाके में भीड़ जमा थी।एक वाहन जो अपनी विंडशील्ड पर ‘शिव तिलक’ लिखा हुआ था —भीड़ ने उसे घेर लिया और उस पर हमला कर दिया।प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, “एक युवक ने जानबूझकर ‘शिव तिलक’ पर लात मारी, जबकि पुलिस वहीं खड़ी थी और उसने कुछ नहीं किया।”लोगों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि वह मूकदर्शक बनी रही, और कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। आखिर एक धार्मिक प्रतीक को निशाना बनाना — आस्था पर हमला नहीं तो और क्या है? ❓ पुलिस की मौजूदगी के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं हुई? ❓ और

सबसे जरूरी सवाल — क्या कानून सबके लिए बराबर है?”इलाके में इस घटना को लेकर गुस्सा है। कुछ लोगों का कहना है कि अगर यही काम किसी और धार्मिक चिन्ह के साथ होता, तो अब तक भारी हंगामा मच चुका होता।स्थानीय लोगों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है और कहा कि धार्मिक भावनाओं का अपमान करने वालों पर सख्त एक्शन लिया जाए।ऐसी घटनाएं सिर्फ एक व्यक्ति या एक धर्म को नहीं, बल्कि समाज के ताने-बाने को नुकसान पहुंचाती हैं। सरकार और प्रशासन को यह समझना होगा कि सांप्रदायिक सौहार्द को बचाना सिर्फ बातों से नहीं, एक्शन से होता है।