यह समाचार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की विदेश यात्रा और उनके द्वारा किए गए सांस्कृतिक एवं सामाजिक योगदान को उजागर करता है। स्लोवाकिया के ‘कॉन्स्टेंटाइन द फिलॉसफर’ विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें “सार्वजनिक सेवा में विशिष्ट योगदान” के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया, जो भारत के लिए गर्व की बात है।

उनके सम्मान का प्रमुख आधार: शिक्षा, महिलाओं के सशक्तीकरण, और भाषाई-सांस्कृतिक विविधता के संरक्षण में योगदान सामाजिक न्याय और समावेशन की वकालत संथाली भाषा जैसे आदिवासी भाषाओं के संरक्षण की दिशा में कार्य इसके साथ ही, उनका रामायण पर आधारित कठपुतली कार्यक्रम में भाग लेना यह दर्शाता है कि भारत की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी प्रस्तुत किया जा रहा है। खास बात यह रही कि यह कार्यक्रम स्लोवाक भाषा में था और स्लोवाक बच्चों द्वारा उत्साहपूर्वक देखा गया, जिससे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक सेतु भी मज़बूत हुआ।