आयुष विधि से इलाज को सुदृढ़ करने और लोगों को आयुर्वेद विधि से समुचित इलाज उपलब्ध कराने की दिशा में बीते दिनों सरकार ने सार्थक कदम उठाते हुए हजारीबाग जिले के नए समाहरणालय के बगल में पंचकर्म प्रशिक्षण सह सेवा केंद्र भवन का निर्माण कराया। भवन निर्माण के पश्चात बीते 05.10.2024 को इसका विधिवत् उद्घाटन हजारीबाग जिला उपायुक्त नैंसी सहाय और प्रभारी जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी, हजारीबाग डॉ. श्याम नंदन तिवारी ने कर दिया। भवन का उद्घाटन तो हो गया लेकिन यहां पंचकर्म की सुविधा नदारद है। हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल ने इस महत्वपूर्ण सेंटर की सुध लेने जब अपने मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी को भेजा तो इस बात का खुलासा हुआ कि पिछले 5 माह से भवन का उद्घाटन तो हो गया लेकिन यहां पंचकर्म की कोई सुविधा जरूरतमंद लोगों को नहीं मिल पा रही है। यहां महज ओपीडी के नाम पर सिर्फ़ कोरम पूरा किया जाता है। सांसद मनीष जायसवाल को यहां की वास्तविक स्थिति से उनके प्रतिनिधि रंजन चौधरी ने अवगत करा दिया है। रंजन चौधरी ने इस संबंध में आयुष विभाग की निदेशिका सीमा उदयपुरिया से जब इस संबंध में बात किया उन्होंने स्पष्ट शब्दों में बताया कि हमारे विभाग में फिलहाल कोई फंड इसके संसाधन के लिए नहीं है और न ही सरकार के द्वारा कोई आवंटन प्राप्त हुआ है जिस कारण से वहां पंचकर्म विधि से उपचार शुरू नहीं हो सका है। यहां उपस्थिति आयुष चिकित्सकों ने रंजन चौधरी को यह भी बताया कि करीब पांच महीने से उनका वेतन भी नहीं मिल पाया है । क्या है पंचकर्म विधि और कौन मरीज को होता है राहत और कैसे होता है इसका इलाज पंचकर में कैसी तकनीक है जो शरीर के साथ-साथ मस्तिष्क के हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए सिद्ध प्राकृतिक चिकित्सा है। सांसद मनीष जायसवाल के मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी ने बताया कि वर्तमान

भाग दौड़ भरी जिंदगी और व्यस्ततम लाइफस्टाइल में लोग काफी बिजी रहते हैं लेकिन जो फिट रहना पसंद करते हैं हुए ऐसी तकनीक को आजमाते हैं। पंचकर्म विधि से तेल और जड़ी बूटियां की मदद से शरीर को डिटॉक्सिफाई किया जाता है। पंचकर्म के पांच तरीके होते हैं जिसमें वामन से उल्टी द्वारा शरीर से वैशाख पदार्थों को निकाला जाता है। विरेचन विधि से मल त्याग के जरिए, नासिकाक्रिया से नाक से द्वार डालकर, अनुनासववती से गैस्ट्रिक समस्याओं, गठिया के इलाज, प्रजनन प्रणाली को स्वस्थ बनाने और पुरानी बीमारियों से छुटकारा दिलाने में मदद मिलती है और रक्तमोक्षन विधि के जरिए औषधीय जोंक आपके शरीर के प्रभावित हिस्सों पर लगाई जाती है जो रक्त परिसंचरण में मदद कर रक्त को शुद्ध करता है। पंचकर्म से पुरानी बीमारियों को दूर करने, तनाव को दूर करने, शरीर, मन और आत्मा को शांत करने, पाचन में सुधार करने, वजन कम करने, ग्लोइंग स्किन पाने और बालों की गुणवत्ता में सुधार करने के बाद माइग्रेन और पारालाईसिस जैसे बीमारियों में बेहद हितकर साबित होता है । बाहर में 2-5 हजार तक देकर जरूरतमंदों को कराना पड़ता है पंचकर्म हजारीबाग में पंचकर्म भवन में इससे संबंधित संसाधन के अभाव होने के कारण जरूरतमंद मरीजों को बाहर में 2- 5 हज़ार रुपए भुगतान कर ऐसे सुविधा का लाभ मिल पाता है। कई सक्षम लोग इस सुविधा का लाभ महानगरों में जाकर उठा रहे हैं। अगर जिला प्रशासन और राज्य सरकार पंचकर्म भवन में संसाधन मुहैया करा दे तो निश्चित रूप से जरूरतमंद मरीजों को इस महत्ती सुविधा और इलाज का लाभ प्राप्त होगा और बड़ी सहूलियत मिलेगी ।