दिव्यांग स्वभिमान पद यात्रा कल राघोगढ़ से शुरु हुई थी इसमें मध्यप्रदेश के कई जिले के दिव्यांगों ने पैदल यात्रा में भाग लिया है, आज इस यात्रा का दूसरा ही दिन है, और दिव्यांगों की पैदल चल चल कर हालात खराब हो चुकी है इसके बाद भी दिव्यांग जब तक पैदल चलना चाहते है तब तक की शासन का मंत्री उनसे आकर बात नही करता और उनकी मांगों को पूरा करने का वचन नही देता, इस यात्रा के दूसरे दिन गुना कलेक्टर फ्रेंक नोवल दिव्यांगों के पास उनकी मांगों का ज्ञापन लेने पहुचे, जहां दिव्यांगों ने उन्हें ज्ञापन सौंपने से मना कर दिया, दिव्यांगों का कहना है कि हमारी मांगे शासन स्तर की है इसलिए शासन खुद आकर हमसे बात करें, तभी ये यात्रा बीच मे समाप्त होगी, अन्यथा अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 10 दिनों तक चलती रहेगी और गुना पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपकर ही समाप्त होगी, दिव्यांगों का कहना है ये केवल हमारी मांगे ही नही हमारी संवेदना भी है, हमारी पीड़ा भी है, यात्रा में कई दिव्यांग ऐसे है जिनके हाथों में छाले पड़ चुके है तो कुछ दिव्यांगों के घुटनो में खून निकल रहा है, इस स्थिति में दिव्यांग गुना तक पैदल चलकर अपनी पीड़ा सरकार तक पहुचाना चाहते है, एक स्वर में दिव्यांगों का कहना है कि सरकार जब तक आखिरी पंक्ति के आखिरी व्यक्ति तक अपनी बात पहुचाने का दावा करती है तो दिव्यांग के बाद आखरी पंक्ति का आखरी व्यक्ति कौन हो सकता है ? दिव्यांग इस हालत में भी गुना तक यात्रा करने पर आड़े हुए हैं, यह यात्रा यदि बीच मे कोई समाप्त करवा सकता है तो वह शासन का मंत्री ही करवा सकता है, समाज का सबसे कमजोर और पीड़ित वर्ग यदि आज कोई है तो वो दिव्यांग वर्ग ही है लेकिन मध्यप्रदेश सरकार दिव्यांगों सशक्त बनाने पर कार्य ही नही करना चाहती, दिव्यांगों का कहना है कि सरकार यदि हमारी मांगो को पूरा नहो करती है तो भोपाल मख्यमंत्री आवास तक भी पैदल यात्रा की जाएगी।
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