बस्ती__थाने पर चलती मुर्गों की बादशाहत, पुलिस वालों से ज्यादा है मुर्गों की संख्या

अगर हम आपसे कहे की यूपी में एक ऐसा थाना भी है जहां पर मुर्गों की फौज थानेदारी करती है और यूपी पुलिस उन मुर्गों की रखवाली करती है तो क्या आप यकीन करेंगे ,जी हां चौकिए नहीं यह बात बिल्कुल सौ फीसदी सच है, हम बात कर रहे है उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले की जहां पर एक ऐसा थाना है, जहां पुलिस वालों से ज्यादा मुर्गों की संख्या है थाने में उतनी फोर्स नहीं है जितने यहां पर मुर्गे है। मुर्गों भी एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों की संख्या में है,जिनका जमावड़ा इस थाने में लगा रहता है। बता दे की उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में कप्तानगंज नाम के एक अजीबोगरीब थाने से आज हम आपको रूबरू कराएंगे,क्योंकि यहां पर पुलिसवालों से ज्यादा आपको मुर्गे दिखाई देंगे,मुर्गों की जनसंख्या ज्यादा होने की वजह से कप्तानगंज थाने में इनका दबदबा है.यह मुर्गे बेखौफ होकर पूरे थाने में घूमते रहते हैं.कभी थाने के ऑफिस में,तो कभी हवालात में,तो कभी दरोगा जी के कुर्सी पर बैठकर यह मुर्गे अपना राज चलाते हैं। हकीकत में यह कहे कि थाने पर मुर्गों की बादशाहत चलती है और थाने की पुलिस इन मुर्गों की रखवाली करती, इतना ही नहीं इन मुर्गों की शान में कोई गुस्ताखी ना हो,इसके लिए कप्तानगंज पुलिस ने बकायदा इन मुर्गों के लिए एक अलग से कमरा दिया है और मुर्गों को बैठने के लिए एक आलीशान चमाचम सोफा भी लगवाया है,मुर्गे बड़ी ही तल्लीनता से कमरे में रहते हैं, सोफे पर बैठते हैं और इनपर चहल कदमी भी करते हैं। दरअसल कप्तानगंज थाना परिसर में एक तरफ मंदिर और दूसरी तरफ शहीद बाबा का मजार स्थित है दोनों आस-पास में ही है सप्ताह के हर शुक्रवार को यहां पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है।अब आप कहेंगे कि पुलिस स्टेशन में मुर्गे छोड़कर क्यों जातें है,इसके पीछे एक अनोखी कहानी है,ऐसा माना जाता है की यहां पर मांगी हर मुराद पूरी हो जाती है और उसके बदले लोग आस्था से यहां पर मुर्गा चढ़ाते हैं और छोड़कर चले जाते हैं।पुलिस स्टेशन में छोड़े गए इन मुर्गो को न तो कोई खाता है और नही बेचता है। जिससे हर हफ्ते इनकी संख्या में इजाफा होता जा रहा है,मुर्गे बड़ी आसानी से आपको पुलिस स्टेशन में घूमते नजर आ जाएंगे। कहा जाता है की एक पुलिस के इंस्पेक्टर ने एक दो मुर्गो को खा लिया था। उसके बाद इंस्पेक्टर को इतनी परेशानी झेलनी पड़ी की,उसने अपने गुनाहों की माफ़ी मांगी और फिर से पुलिस स्टेशन में उसने मुर्गे खरीद के छोड़ दिया। प्रायश्चित करने के बाद ही दरोगा जी को परेशानी से मुक्ति मिली।इस घटना के बाद से ही यहाँ की पुलिस इनकी रखवाली करती है और इन मुर्गो के खाने पिने की पूरी जिम्मेदारी भी यहां पर तैनात पुलिस वाले उठातें हैं।

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