सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, हजारीबाग में मातृ सम्मेलन का आयोजन |

सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, हजारीबाग में मातृ सम्मेलन का आयोजन |

सरस्वती शिशु विद्या मंदिर बाबू गांव कोर्रा , हजारीबाग में मातृ सम्मेलन सह बालिका व्यक्तित्व विकास शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि डॉक्टर अस्मिता अंशु ,विशिष्ट अतिथि श्वेता चंचल , प्रबंधन कार्यालय समिति के अध्यक्ष डॉक्टर ब्रज कुमार विश्वकर्मा,सचिव राम बहादुर सिंह , शैलेंद्र गुप्ता, महेंद्र राम, कुमकुम शर्मा , पम्मी देवी , डॉक्टर मधुर मोहन द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। मंचासीन अतिथियों का परिचय विद्यालय के प्रधानाचार्य मनोज कुमार सिंह ने कराया। मातृ सम्मेलन के बारे में विषय प्रवेश कराते हुए विद्यालय की आचार्या बेबी कुमारी ने कहा कि मां शब्द सुनने में तो छोटा है लेकिन उससे बड़ा कोई शब्द नहीं है।मां के बिना बच्चों का सर्वांगीण विकास हो ही नहीं सकता। बहने अगर शिक्षित होंगी तो समाज को एक शिक्षित मां मिलगी। मां के शिक्षित होने से बच्चों के विकास पर विशेष ध्यान होगा। विशिष्ट अतिथि महोदया श्वेता चंचल ने अपने संबोधन में कहा कि आज हमें बहुत खुशी हो रही है कि आज हम उसी विद्यालय में आएं हैं,जहां से हम पढ़कर निकले थे। मां ही बच्चियों के सपनों को साकार करती है। मां को बच्चियों के साथ हमेशा दोस्ताना व्यवहार रखना चाहिए। जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सके।अभी हम जो सपना देखेंगे वही सपना आगे चलकर हमारे जीवन में ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।पढ़ाई तो सभी विद्यालय में मिलती हैं, लेकिन संस्कार की शिक्षा सिर्फ विद्या मंदिर की विद्यालयों में ही दी जाती है।मुख्य अतिथि महोदया डॉक्टर अस्मिता अंशु ने कहा कि मैं एक डॉक्टर हूं, इसलिए मैं यहां उपस्थित सभी माता को यही कहना चाहूंगी कि आप बच्चों का तो पोषण पर ध्यान देते हैं लेकिन अपना ख्याल नहीं रख पाते हैं।हमें अपने स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना पड़ेगा, तभी जाकर हम अपनी बच्चियों का देखभाल सही ढंग से कर पाएंगे, अगर कोई बच्चा परीक्षा में असफल हो जाता है, तो हमें उसे डांटना नहीं बल्कि उससे प्यार पूर्वक समझना चाहिए कि असफलता ही सफलता की जननी है और असफलता, सफलता की प्रथम सीढ़ी भी है।

अपने आशीर्वचन में डॉक्टर बृज कुमार विश्वकर्मा ने कहा कि हमें आज बहुत खुशी हो रही है कि आज इतनी माताएं बहनें उपस्थित हैं ।हमें विशिष्ट बनने के लिए कुछ विशेष करना होगा ।आजकल सिर्फ पढ़ाई ही नहीं खेलकूद, संगीत, नृत्य आदि में भी बहनें आगे बढ़ रही हैं ।मंच संचालन विद्यालय की बहन अमीषा रानी में किया एवं धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय के आचार्य सचिन कुमार पांडे ने दिया।इस मातृ सम्मेलन में बालिकाओं के व्यक्तित्व विकास के लिए संगीत, नृत्य ,गीत, रंगोली, थाली सज्जा आदि प्रतियोगिताएं गईं। जिसमें शिशुऊ वर्ग में रंगोली की प्रतियोगिता में प्रथम पलक कुमारी,द्वितीय रिया कुमारी, मेहंदी की प्रतियोगिता में प्रथम, अंशिका कुमारी द्वितीय आराध्या कुमारी, तृतीय सुमन राज, थाली सज्जा प्रतियोगिता में प्रथम रोशनी कुमारी, द्वितीय दिव्यांशी कुमारी, तृतीय डोली कुमारी, किशोर वर्ग में रंगोली की प्रतियोगिता में प्रथम नीतू कुमारी, द्वितीय साक्षी कुमारी, तृतीय रिया राणा, मेहंदी की प्रतियोगिता में प्रथम ब्यूटी कुमारी, द्वितीय फरहाना कौशर नैन तृतीय श्वेता कुमारी, नृत्य प्रतियोगिता में प्रथम सेजल भारती ,द्वितीय काजल कुमारी तृतीय त्राल्या कुमारी, भाषण की प्रतियोगिता में प्रथम विद्या कुमारी, द्वितीय श्वेता कुमारी, तृतीय नीतू कुमारी, ने प्राप्त किया इसके अलावा समूह नृत्य, समूह गीत, एकल गीत, एकल नृत्य, आदि प्रतियोगिताओं का भी आयोजन हुआ, जिसमें प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली बहनों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यक्रम प्रमुख अल्पना सिन्हा का विशेष योगदान रहा। इस कार्यक्रम में विद्यालय के आचार्य राजकुमार सिंह, रविंद्र कुमार, पवन कुमार गुप्ता ,आनंद किशोर प्रजापति ,सचिन कुमार पांडे, राहुल पांडे, मुकेश सिन्हा ,शिव शरण ठाकुर, अमन कुमार गुप्ता निखत परवीन, अर्चना सिन्हा, मौसम कुमारी आदि आचार्य एवं दीदी जी  उपस्थित थे।

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