बांग्लादेश के चटगांव से मानवता को शर्मसार करने वाली खबर सामने आई है। कट्टरपंथियों ने जुमे की नमाज के बाद शांतनेश्वरी मंदिर पर हमला कर दिया। इसके बाद हिंदू समुदाय के घरों, दुकानों और लोगों को निशाना बनाया गया।रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैकड़ों हिंदू दुकानों और घरों को आग के हवाले कर दिया गया। अब तक 10 से अधिक हिंदुओं के मारे जाने और कई के घायल होने की खबर है। स्थिति और भी भयावह तब हुई जब हिंदू लड़कियों के साथ बलात्कार की घटनाओं की रिपोर्ट सामने आई।हमने अपनी आंखों से देखा कि कैसे लोगों पर हमला किया गया। हमारे घर और दुकानें

बर्बाद कर दी गईं।हमले के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया है। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बल स्थिति को नियंत्रित करने में जुटे हैं, लेकिन हिंदू समुदाय में भय और असुरक्षा का माहौल है।यह सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि मानवीय संकट है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस पर ध्यान देना चाहिए।बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा ने एक बार फिर से धार्मिक सहिष्णुता और मानवाधिकारों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अंतरराष्ट्रीय दबाव और स्थानीय प्रशासन की तत्परता ही इस हिंसा को रोकने का एकमात्र समाधान हो सकता है।