जब 15% एक जुट होकर फतवा जारी कर सकते हैं तो हम 85% एक क्यों नहीं हो सकते?

जब 15% एक जुट होकर फतवा जारी कर सकते हैं तो हम 85% एक क्यों नहीं हो सकते?

When 15 percent can come together and issue a fatwa, then why ca | #dhanbad #jharkhandnews जब 15% एक जुट होकर फतवा जारी कर सकते हैं तो हम 85% एक क्यों नहीं हो सकते? जी हां ये कहना है आनंद कोठारी जी का जो के वैश्य महापरिवार के केंद्रीय अध्यक्ष है। दिनांक 18 नवंबर दिन सोमवार को धनबाद, बाघमारा, निरसा, सिंदरी, टुंडी आदि क्षेत्रों का दौरा कर कोठारी जी ने लोगो से भाजपा गठबंधन के लिए वोट डालने के लिए सभी वैश्य महापरिवार से अपील की। इसके बाद ,धनबाद जिला अध्यक्ष अशोक कुमार गुप्ता के कार्यालय में प्रेस वार्ता की आनंद कोठारी ने वैश्य समुदाय के सभी सदस्यों से अपील की कि वे समस्त हिंदू: वैश्य, ओबीसी, सवर्ण , आदिवासियों, दलित, अल्पसंख्यक हिंदुओं को एकजुट कराकर भाजपा/एनडीए के सभी प्रत्याशी को जिताने की कोशिश करें।

अध्यक्ष आनंद कोठारी ने अपने सम्बोधन में कहा विधानसभा चुनाव में सभी पोलिटिकल पार्टी में भाजपा ने वैश्य महापरिवार से सबसे ज्यादा प्रत्याशियों को टिकट दिया है ( 1.महगामा : अशोक कुमार भगत +2.गोड्डा : अमित मंडल +3.गिरिडीह : निर्भय शाहाबादी +4.हजारीबाग : प्रदीप प्रसाद +5.बोकारो : बिरंची नारायण +6. जमशेदपुर पूर्वी : पूर्णिमा दास साहू +7.हटिया : नवीन जायसवाल +8.विश्रामपुर :रामचंद्र चंद्रवंशी 9.डाल्टनगंज : आलोक चौरसिया +10.बाघमारा :शत्रुघ्न महतो+11.जरमुंडी : देवेंद्र कुँवर +12.पोरयाहाट : देवेन्द्रनाथ सिंह ) वैश्य महापरिवार से बीजेपी के सर्वाधिक 5 सांसद हैं (रांची: श्री संजय सेठ, हज़ारीबाग: श्री मनीष जयसवाल, धनबाद: श्री ढुल्लू महतो, राज्यसभा सांसद श्री आदित्य साहू , श्री प्रदीप कुमार वर्मा) I राज्य में वैश्य की 60 उपजातियों को मिलाकर हमारी कुल आबादी 40% से अधिक है I सभी 81 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में हमारी सशक्त उपस्थिति है I इस चुनाव में राज्य के समस्त वैश्य परिवार के सदस्य एक जूट होकर बीजेपी/ एनडीए के अधिकाधिक सदस्यों को जिताने के लिए यथाशक्ति प्रयास कर रहें हैं I प्रथम चरण के 43 सीट में हुए चुनाव में बीजेपी/एनडीए की 25 से अधिक सीटों पर जीत हो रही हे और दूसरे चरण के 38 सीट में बीजेपी/एनडीए की लगभग 30 सीट में जीत होगी. प्रस्तुत है newz India 24 के साथ खास बातचीत आनंद कोठारी और आशिक गुप्ता की । सहयोगी प्रभात पांडे के साथ पंकज सिन्हा की यह रिपोर्ट धनबाद से।

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