राजनेताओं के सह पर बालू तस्करों की चांदी। जी हां बालू का टेंडर पिछले कुछ महीनों से झारखंड में बंद है फिर भी अवैध रूप से हो रही बालू की ढुलाई से बड़े बड़े निर्माण कार्य जारी है। ये अवैध रूप से हो रहे बालू की ढुलाई से भवन निर्माताओं का काम तो सुचारू रूप से चल ही रही है साथ ही बालू तस्करों, बालू चोरों की भी चांदी हो गई हैं परंतु खनन विभाग पता नही क्या कर रहा है। 30 जून को सुबह साढ़े सात बजे गोविंदपुर थाना ने अपनी मुस्तैदी दिखाते हुए पांच ट्रैक्टर बालू जब्त किए जो कि गोविंदपुर थाना में वाहन सहित मौजूद हैं। थाना प्रभारी रविकांत प्रसाद जी ने बताया कि वाहन चालकों से पूछे जाने पर किसी भी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं मिला वाहन चालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज भी कर लिया है राजनेताओं की सिफारिस फोन पर आने के बाद भी एफआईआर दर्ज करना और कानूनी कार्रवाई करना ये बताता है कि किस प्रकार अपराधियों को राजनीति सहयोग प्राप्त होती है और प्रशासन बदनाम होता है
साथ ही रविकांत प्रसाद जैसे थानेदार भी है जिनके रहते कानून बची हुई है।हम अपने दर्शकों को दिखाएंगे स्क्रीन पर एफआईआर की कॉपी जिसमे गाड़ी नंबर भी स्पष्ट रूप से दिख रही है वाहन चालकों और रविकांत प्रसाद जी के मार्गदर्शन में निकली गशती दल के सिपाहियों के नाम भी दर्शक देख सकते हैं ।विचार करने वाली बात यह है कि जब बालू का टेंडर हो ही नही रहा है तब बड़े बड़े ठेकेदार बालू कहां से ला रहे हैं? आखिर ये अपना काम बिना रुके कैसे कर रहें हैं? कौन इन्हे बालू उपलब्ध करा रहा है ? सत्ता पक्ष और विपक्ष क्या कर रहा है? प्रशासन सख्त रूप से कारवाई क्यूं नहीं कर पा रही है?खनन विभाग क्यूं सरकारी संपत्ति को लूटते हुए देख रहा है? प्रस्तुत है सहयोगी प्रभात पांडे के साथ पंकज सिन्हा की रिपोर्ट धनबाद के गोविंदपुर थाना से