हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में कुछ वर्षों में लगभग 10 लाख नौकरियां बढ़ने की उम्मीद है। कोरोना के बाद उबरे इस क्षेत्र को प्रतिभाओं की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। रैंडस्टैड इंडिया के निदेशक संजय शेट्टी ने कहा, उद्योग में प्रतिभा की मांग और आपूर्ति का अंतर 55-60 फीसदी है।
शेट्टी ने कहा, महामारी के बाद नौकरियों में उछाल के कारण प्रतिभा की मांग में कमी देखने को मिली है। यह रफ्तार अगले कुछ वर्षों तक जारी रह सकती है। इस वजह से कम से कम 10 लाख नौकरियां पैदा होंगी। हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र के विशेषज्ञों के मुताबिक, कुछ कंपनियां मौजूदा प्रतिभा को निखार रही हैं। मांग को पूरा करने के लिए अन्य उद्योगों से भर्ती भी कर रही हैं। इस वजह से अन्य क्षेत्रों ने प्रतिस्पर्धी वेतन, लाभ और करियर विकास की पेशकश कर प्रतिभाओं को आकर्षित करने के प्रयास तेज किए हैं।