स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ग्रामीण लोगो को खुले में शौच से मुक्त एवं गावों को स्वच्छ सुंदर बनाने की दिशा में सरकार ने शहरों की तर्ज पर गांव में सामुदायिक शौचालयों के निर्माण पर जोर दिया है। आपको बता दे की सरकार ने सामुदायिक शौचालय के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए लेकिन सिद्धार्थनगर जिले में सामुदायिक शौचालय की स्थिति बहुत ख़राब है । तो वहीं जिले में इनका निर्माण पूरा होने के बाद भी कहीं छह माह तो कहीं सालभर से ज्यादा का समय हो चुका है । लेकिन संबंधित विभागीय की लापरवाही के चलते इनका उपयोग अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। आपको बता दें कि जिले में बने अधिकांश शौचालयों में ताला लटकता ही दिखाई दे रहा है । बता दें की ग्राम पंचायतों द्वारा सामुदायिक शौचालयों का संचालन करने पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।जी हां हम बात कर रहे हैं जिले के डुमरियागंज विकास खण्ड के ग्रामपंचायत बसडीला मोदी नानकार की जहां पर सामुदायिक शौचालय के निर्माण हुए लगभकग दो वर्ष का समय बीत चुका है । लेकिन दो वर्ष का समय बीत जाने के बाद भी उसमें ताला लटकता दिखाई दे रहा है। तो वही ग्रामीण लोग खुले में शौच करने पर मजबूर हैं। जब इसकी पड़ताल करने पहुँचे तो सौच की कुछ तस्वीरें हमारे कैमरे में कैद हो गई । वहीं इसको लेकर जब खुले में शौच कर रहे ग्रामीणों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमारे गांव में सामुदायिक शौचालय बने 2 वर्ष का समय बीत चुका है। लेकिन ग्राम प्रधान इसमें ताला लगा रखे हैं और ग्रमीण खुले में शौच करने को मजबूर है। आपको बता दें कि मुखिया विकास अधिकारी जयेंद्र कुमार कहना है कि मामले में संज्ञान लिया गया है। जिला स्तरीय टीम गठित कर दी गई है। गौरतलब है की रिपोर्ट आने पर कार्यवाही की जाएगी साथी ही सामुदायिक शौचालय को समय पर खोलने और बंद करने के भी निर्देश दिया जाएगा ।
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