इंटरनेट पर क्या होता है ‘डॉक्सिंग’ क्राइम

इंटरनेट पर क्या होता है ‘डॉक्सिंग’ क्राइम

साइबर अपराध की इस दुनिया में कई अपराध ऐसे हैं, जिनके लिए देश में अभी तक कोई कानून नहीं बना है. ऐसे में अगर आप इन साइबर अपराध के शिकार होते हैं तो आपको फिर कैसे शिकायत करनी चाहिए. ये एक बड़ा सवाल है. आपको बता दें साइबर क्राइम में एक अपराध है ‘डॉक्सिंग’. इसके लिए देश में कोई कानून नहीं है. आपको बता दें डॉक्सिंग अपराध के भारत में हर साल बहुत से लोग शिकार होते हैं.


इंटरनेट के आने के बाद हमारे कई काम आसान हुए हैं. लेकिन इसके आने के बाद कई समस्याओं का भी जन्म हुआ है. एक बड़ी समस्या हमारी अनुमति के बिना इंटरनेट निजी डाटा अपलोड होना भी है. इसे ही डॉक्सिंग कहा जाता है. दरअसल ‘डॉक्सिंग’ ‘ड्रॉपिंग डॉक्यूमेंट्स’ शब्द से उत्पन्न हुआ है. इसका मतलब है किसी की निजी जानकारी जैसे फोन नंबर, घर का पता, या सोशल मीडिया प्रोफाइल से जुड़ी जानकारी को बिना उनकी सहमति के ऑनलाइन सार्वजनिक कर दिया जाता है. ऐसे डाटा का उपयोग क्रिमिनल क्राइम के लिए कर सकते हैं. भारत में अभी डॉक्सिंग के लिए कोई कानून नहीं है लेकिन डॉक्सिंग के शिकार व्यक्ति साइबर क्राइम में रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं

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