मौनी अमावस्या स्नान के मौके पर श्रद्धालु प्रयागराज स्थित संगम में डुबकी लगा रहे हैं. शास्त्रों में इस दिन मौन रहकर दान और स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान के बाद दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इस दिन किए गए दान-पुण्य और पूजन से अन्य दिनों की तुलना में हजारों गुणा पुण्य प्राप्त होता है और ग्रह दोषों के प्रभाव भी कम होते हैं. इस दिन प्रात: स्नान के बाद सूर्य को दूध, तिल से अर्घ्य देना भी विशेष लाभकारी होता है. लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या कहा जाता है. मौनी अमावस्या के दिन लोग पवित्र नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं. शास्त्रों में इस दिन मौन रहकर दान और स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान के बाद दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इस दिन किए गए दान-पुण्य और पूजन से अन्य दिनों की तुलना में हजारों गुणा पुण्य प्राप्त होता है और ग्रह दोषों के प्रभाव भी कम होते हैं. इस दिन प्रात: स्नान के बाद सूर्य को दूध, तिल से अर्घ्य देना भी विशेष लाभकारी होता है.
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