गोला का एक विकलांग परिवार अशोक सिंह अपना अधिकार पाने के लिए दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर है। उसके साथ यही कहावत चरितार्थ हो रहा है की,मुझे अपनो ने लुटा गैरों में कहां दम था,उसने बताया कि उसकी अपनी सगी बहन ने ही उसके अधिकार को छीन लिया है।इसको लेकर भुक्तभोगी जिला के वरीय अधिकारियों को पत्र देक रइंसाफ की गुहार लगाई है। दिए पत्र में उन्होंने कहा है कि रेखा देवी,संतोष सिंह ने गलत कागजात द्वारा मेरे पुस्तेनी जमीन को बेचने का काम कर रहे है। खाता नंबर 5, प्लॉट 303, खाता 29 प्लॉट 325, खाता संख्या 37 प्लॉट 302 और खाता 60 चारो खाता का जमीन अंचल पंजी टू में कर्मचारी के सहयोग से अपरलेख कर दिया गया है। रेखा मेरी बड़ी बहन होने के कारण सारा कागजात उसी के पास है। उसी का फायदा उठाते हुए जमीन की बिक्री कर रही है। अशोक ने बताया कि मेरा एक पैर कटा है। किसी तरह से भीख मांग कर जीवन बसर कर रहा हूं।
Posted inJharkhand