जी हां 20 दिसम्बर से बहेगी इस खरमास में भागवत की व्यार श्री श्री राधा कृष्ण प्रेम मंदिर के संस्थापक एवं कथा व्यास श्री सुरेन्द्र हरीदास जी ने कहा की यह कथा श्री श्री श्री राधा कृष्ण प्रेम मंदिर के तत्वाधान में दुर्गा पुजा समिति सत्यम शिवम् सुंदरम हीरापुर झारखंड मैदान के सहयोग से अष्ट दिवसीय श्री मद्भागवत महापुराण कथा रस लरषणू20 से 28 नवम्ब निर्मल वर्षा समय 2बजे बजे से 07 बजे तक । श्रीमद्भागवत की कथा का सदा-सर्वदा सेवन, आस्वादन करना चाहिए | इसके श्रवणमात्र से श्रीहरि हृदय में आ विराजते हैं | इस ग्रन्थमें अठारह हजार श्लोक और बारह स्कन्ध हैं तथा श्रीशुकदेव और राजा परीक्षित् का संवाद है । यह जीव तभी तक अज्ञानवश इस संसारचक्र में भटकता है, जबतक क्षणभर के लिये भी कानों में इस शुकशास्त्र की कथा नहीं पड़ती | बहुत-से शास्त्र और पुराण सुननेसे क्या लाभ है, इससे तो व्यर्थ का भ्रम बढ़ता है । मुक्ति देने के लिये तो एकमात्र भागवतशास्त्र ही गरज रहा है | जिस घर में नित्यप्रति श्रीमद्भागवत की कथा होती है, वह तीर्थरूप हो जाता है और जो लोग उसमें रहते हैं, उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं | फल की दृष्टि से इस शुकशास्त्रकथा की समता गङ्गा, गया, काशी, पुष्कर या प्रयाग—कोई तीर्थ भी नहीं कर सकता | प्रस्तुत है पंकज सिन्हा की रिपोर्ट धनबाद के झारखंड मैदान से।
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