23 अक्टूबर 2023 को इसरो ने इतिहास रच दिया था. चांद के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर को मक्खन की तरह उतारा था. इसरो की यह कामयाबी इसलिए खास थी कि क्योंकि पहली बार चांद के दक्षिणी ध्रुव पर किसी देश का मिशन कामयाब हुआ. विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने अपने मिशन को सफलता के साथ अंजाम भी दिया. इन सबके बीच नवंबर के महीने में जब प्रज्ञान को उठाकर उसकी अपनी जगह से करीब 40 सेंटीमीटर दूर जब दूसरी जगह स्थापित किया गया तो उम्मीद जग गई कि हम सिर्फ चांद पर उतर ही नहीं सकते बल्कि वापस धरती पर भी आ सकते हैं जिसे हॉप एक्सपेरिमेंट कहा जाता है. अब इसरो ने प्रोपल्शन मॉड्यूल को धरती की कक्षा में स्थापित कर एक और कामयाबी हासिल की है.