बचपन में हर किसी ने यह कविता जरुर पढ़ी होगी, मछली जल की रानी है जीवन उसका पानी है. जी हां हम बात कर रहे हैं सबसे सुंदर और बच्चों की प्यारी मछलियों के बारे में… इस समय ग्वालियर में प्रदेश का एकमात्र फिश एक्यूरियम तैयार किया गया है. जहां देश ही नहीं बल्कि विदेशों से 40 प्रकार की मछलियां मौजूद हैं. अलग-अलग प्रकार की इन सुंदर मछलियों को देश के कोने-कोने से लाया गया है. जो पर्यटकों के साथ-साथ बच्चों को काफी पसंद आ रहा है. प्रदेश का यह पहला फिश एक्वेरियम पूरी तरह बाताकुलित है. आपको बता दें कि दोबारा शुरू होने जा रहे मछली घर में के लगभग 40 प्रकार की मछलियां लाई गई है. जो जापान मलेशिया अमेरिका सहित अन्य देशों से मंगाई गई हैं. जिनमें खास प्रकार की सिल्वर ढोलर, स्क्रैट ग्रीन,पैरट फिश, टिमफोल, वाइट शार्क, फ्लावर हॉर्न, सुबारकिन, ब्लैक शेड, ओरिंडा गोल्ड, रेट केप, एरोबाना, टाइगर शार्क, कार्प सहित विभिन्न प्रजातियों की मछलियां लोगों को देखने के लिए मछली घर में रखी गई हैं. नगर निगम प्रोजेक्ट के ऑफिसर शिशिर श्रीवास्तव ने बताया है कि जल्द ही इसे पर्यटकों के लिए खोला जाएगा और सबसे खास बात यह है कि बच्चों के लिए इसका किराया वह न्यूनतम रहेगा. ताकि बच्चों की मनपसंद मछलियों के अलावा उन्हें देश विदेश की मछलियों के बारे में जानकारी मिल सके. शहर के बीचो-बीच बने इस मछली घर में जहां देशी और विदेशी मछलियां लाई गई हैं. जो देखने में तो काफी सुंदर हैं इसके अलावा उन मछलियों के संपूर्ण जीवन संबंधित जानकारियां भी उनके टैक्स के ऊपर लिखी गई हैं. ताकि उन मछलियों से जुड़ी संपूर्ण जानकारी आपको मिल सके. जब पर्यटक फिश एक्यूरियम में प्रवेश करेंगे तो वहां पर हर मछली की प्रजाति के बारे में और यह कहा की प्रजाति है इसके साथ ही क्या खाती हैं और यह कितनी खतरनाक हैं इसकी जानकारी एक्यूरियम के ऊपर लिखी मिलेगी. इसके साथ ही उदाहरण के तौर पर एलीगेटर फिश जो कि देखने में घड़ियाल की तरह नजर आती है और इसका जीवन 50 वर्ष तक होता है. इसका भोजन जिंदा मछलियां होती हैं. यह आकार में 200 से 300 सेंटीमीटर की होती है और यह एशिया एवं अफ्रीका के बड़े जलीय स्थानों पर पाई जाती है. इसी प्रकार के सभी मछलियों की जानकारियां भी मुहैया कराई जाएंगी. वहीं नगर निगम में इस प्रोजेक्ट ऑफिसर शिशिर श्रीवास्तव ने बताया है कि यह फिश एक्यूरियम मध्यप्रदेश में पहला है. खास बात यह है कि पूरी तरह वातानुकूलित है. उन्होंने बताया है कि सप्ताह में एक बार छोटे स्कूली बच्चों के लिए इसको पूरी तरह निशुल्क रखा जाएगा. इसके साथ ही इनकी देखरेख के लिए विशेषक की एक टीम भी रहेगी जो देखेगी की वातावरण के अनुसार अनुकूलित हो रही हैं या नहीं. इसको लेकर 20 दिन से लगातार इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है. संभव बताया जा रहा है कि इसी सप्ताह फिश एक्वेरियम को बच्चों और पर्यटक के लिए खोल दिया जाएगा
Posted inMadhya Pradesh