मुंगावली पुलिस से बचने के लिए गुंडे बदमाशों को तो आपने बाथरूम, कमरे में ओर भी न जाने कहाँ कहाँ छुपते भागते कई बार देखा सुना होगा लेकिन अशोक नगर जिले के मुंगावली से अलग ही मामला सामने आया है जहाँ मीडिया का कैमरा देखकर शिक्षक बाथरूम में छुपते अंधेरे में भागते नजर आए दरअसल पूरा मामला बुधवार रात करीब 9:20 बजे का जब सूत्रों से मिली हाई प्रोफाइल जुएं की सूचना पर मीडिया टीम मुंगावली विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुँची । मीडिया टीम कैमरे के साथ विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के लिए रवाना होती है तो जैसे ही टीम बहादुरपुर रोड़ स्थित विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय परिसर गेट से अंदर दाखिल होती है तो मीडिया टीम को पुलिस की गाड़ी परिसर के अंदर से बाहर निकलती नजर आती है मीडिया टीम कैमरे के साथ आगे बढ़ती जाती है जैसे ही परिसर के अंदर बने विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर पहुँचती है तो मीडिया टीम को देखकर हड़कम मच जाता है सभी मीडिया का कैमरा देखकर चौक जाते है जब हम पहुँचते है तो कार्यालय में करीब एक दर्जन शिक्षक व करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मी मौजूद थे मगर कैमरा देख परिसर में मौजूद शिक्षक व अन्य लोग कैमरे से बचकर निकलने लगते है वही मीडिया का कैमरा देखकर मौके पर मौजूद पुलिस वाले भी कैमरे से बचकर निकलने लगते है कुछ ही समय में अधिकांश लोग कैमरे से बचते बचाते परिसर से रफूचक्कर हो जाते है वही मीडिया टीम को एक व्यक्ति करीब 20 मिंट बाद बाथरूम में छुपा हुआ दिखाई देता है जैसे ही एक मीडियाकर्मी कैमरा लेकर आगे बढ़कर बाथरूम के पास पहुँचता है तो वह भी कैमरा देखकर बाथरूम से निकलकर बाहर चला जाता है पूरा मामला क्या है यह तो वहाँ मौजूद शिक्षक या अन्य बता सकते। लेकिन सभी लोग कैमरे पर कुछ न बोलकर चुपचाप कैमरे से बचकर मौके से निकल गए। मीडिया जब मौके पर पहुँची थी तो मौके पर जुआ खेलते हुए तो कोई नही मिला लेकिन मौके पर कैमरा देख भगदड़ जरूर मच गई । अगर विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कुछ गलत नहीं हो रहा था तो भगदड़ क्यो मची यह बड़ा सवाल है ? वहीं जब एक मीडियाकर्मी मौके पर मौजूद शिक्षा विभाग में पदस्थ एक बाबू से बात करने लगे तो वह बातों ही बातों में बताते है कि हम तो पी खा रहे थे इंजॉय कर रहे थे बातों में वह यह भी कहते है कि हम मैरेज (जुआ) खेल रहे थे बातों में बाबू मैरेज (जुआ) खेलने की बात स्वीकार करता है पूरे मामले की हकीकत क्या है यह तो हम नही कह सकते मामला संदेहास्पद है क्योंकि मीडिया के कैमरे को देखकर पहले मौजूद लोगों में भगदड़ फिर कैमरे से बचकर बिना कुछ बोले पुलिसकर्मियों का निकलना फिर कैमरा देखकर हड़बड़ी में परिसर से बाहर चले जाना कई सवाल खड़े करता है मामला संदेहास्पद भी है कुछ तो रात के अंधेरे में विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में चल रहा था। सवाल आखिर ऐसा क्या चल रहा था वहाँ जो मीडिया का कैमरा देखकर हड़बड़ी मच गई ? वहीं जैसा विभाग में पदस्थ बाबू का कहना है कि हम इंजॉय कर रहे थे अगर एन्जॉय का मतलब शराब पार्टी है तो अगर शराब पार्टी भी चल रही थी तो क्या बीईओ कार्यालय में चलना चाहिए ? वहीं बाबू के कहे अनुसार अगर मैरिज जो भी एक तरह का (जुआ) ही है अगर वह चल रहा था तो क्या वह भी चलना चाहिए ? वही अगर जुआ या शराब पार्टी चल रही थी तो क्या यह पहले भी चलती रही है ? क्या विकास खंड शिक्षा अधिकारी को इसकी जानकारी नही है ? अगर जानकारी है ? तो उनके द्वारा कार्यवाही क्यों नही की गई ? क्या शिक्षक ही कार्यालय में शराब पार्टी के साथ जुआ खेल रहे थे ? कार्यालय के दो कमरों में था जुए का अड्डा ? विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के दो कमरों में बाकायदा फर्श बिछा हुआ था जिसके ऊपर चद्दर भी बिछा हुआ था कमरे में कूलर आदि कि व्यवस्था भी थी नजारा किसी जुए के अड्डे जैसा ही था कमरे में जुआ ही चल रहा था या अन्य कोई गतिविधि यह तो हम पुख्ता तौर पर नहीं कह सकते हम तो अनुमान लगा सकते है क्योंकि स्थित जुए के अड्डे जैसी ही थी पर कुछ न कुछ संदेहास्पद तो विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में चल रहा था रात के अंधेरे में यह तो तय है पर कैमरा देखकर भगदड़ मचना भी सवाल है ? वही कार्यालय रात को तो खुलता नही है तो इतनी रात को ब्लॉक के अलग अलग विद्यालयों में पदस्थ करीब एक दर्जन शिक्षक वहाँ इतनी रात में क्या कर रहे थे ? वही देर रात कार्यलय कैसे खुला यह भी सवाल है ? सवाल कई खड़े हो रहे है जबाब यहाँ तो वहाँ मौजूद शिक्षक या विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ही दे सकते है । इनका क्या कहना है – थाना प्रभारी प्रदीप सोनी से जब मामले को लेकर फोन पर चर्चा की गई तो उनका कहना था कि मामला संज्ञान में आया है संबंधित पुलिस कर्मियों से पूछताछ की गई है पुलिस कर्मियों का कहना है कि सूचना पर मौके पर पहुँचे थे पर कोई जुआ खेलते नही मिला
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