कटनी – ढीमरखेड़ा ग्राम पंचायत ठिर्री दूसरा उदाहरण भ्रष्टाचार उजागर निकल कर आया सामने…

कटनी जिला – जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा के अंतर्गत ग्राम पंचायत ठिर्री में जल संकट को दूर करने के उद्देश्य से रोजगार गारंटी योजना के तहत तालाब का निर्माण कार्य कराया गया है। आपको बता दें कि एक वारिस होते ही तालाब ध्वस्त हो गया, और निर्माण एजेंसी ने निर्माण कार्य पर लाखों रुपए का खर्चा कर दिया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तालाब निर्माण के लिए शासन की ओर से ग्राम पंचायत एजेंसी को करीब 13 लाख रुपए दिए गए किन्तु उपमंत्री पंकज शुक्ला एवं सरपंच सचिव की मिली भगत से अनुमानित लागत 13 लाख रुपए की राशि खर्च करना बताया जा रहा है। तालाब निर्माण कार्य में भारी भ्रष्टाचार का मामला सामने दिखाई देता है।सूत्रों की माने तो तालाब निर्माण में नींव नहीं खोदी गई, पहाड़ी नाले को बाँधकर तालाब का नाम दे दिया गया है। तालाब के पास डिस्प्ले बोर्ड भी नहीं लगाया गया।संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा सही तरीके से जांच की जाये तो भ्रष्टाचार उजागर हो जायेगा। नाले को बांध कर तालाब निर्माण का रूप बनाया गया है। इस संबंध में जानकारी लेने पत्रकारों ने दो दिन तक सी ई ओ जनपद ढीमरखेड़ा के पास गए पर सी ई ओ ने जानकारी देना मुनासिब नहीं समझा गया। इससे स्पष्ट दिखाई दे रहा है की उपमंत्री पंकज शुक्ला,सचिव, सरपंच एवं संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों की मिली भगत से शासन की राशि का बंदरवाट किया गया है। तलाब निर्माण कार्य में उपमंत्री की मिली भगत से भ्रष्टाचार का मकड़जाल पहाड़ी के नाले को बाँध कर तालाब का दिया नाम, एक ही वारिस में हुआ धराशाई कटनी जिला – जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा के अंतर्गत ग्राम पंचायत ठिर्री में जल संकट को दूर करने के उद्देश्य से रोजगार गारंटी योजना के तहत तालाब का निर्माण कार्य कराया गया है। आपको बता दें कि एक वारिस होते ही तालाब ध्वस्त हो गया, और निर्माण एजेंसी ने निर्माण कार्य पर लाखों रुपए का खर्चा कर दिया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तालाब निर्माण के लिए शासन की ओर से ग्राम पंचायत एजेंसी को करीब 13 लाख रुपए दिए गए किन्तु उपमंत्री पंकज शुक्ला एवं सरपंच सचिव की मिली भगत से अनुमानित लागत 13 लाख रुपए की राशि खर्च करना बताया जा रहा है। तालाब निर्माण कार्य में भारी भ्रष्टाचार का मामला सामने दिखाई देता है।सूत्रों की माने तो तालाब निर्माण में नींव नहीं खोदी गई, पहाड़ी नाले को बाँधकर तालाब का नाम दे दिया गया है। तालाब के पास डिस्प्ले बोर्ड भी नहीं लगाया गया।संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा सही तरीके से जांच की जाये तो भ्रष्टाचार उजागर हो जायेगा। नाले को बांध कर तालाब निर्माण का रूप बनाया गया है। इस संबंध में जानकारी लेने पत्रकारों ने दो दिन तक सी ई ओ जनपद ढीमरखेड़ा के पास गए पर सी ई ओ ने जानकारी देना मुनासिब नहीं समझा गया। इससे स्पष्ट दिखाई दे रहा है की उपमंत्री पंकज शुक्ला,सचिव, सरपंच एवं संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों की मिली भगत से शासन की राशि का बंदरवाट किया गया है रिपोर्टर सत्येंद्र बर्मन


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