लङकी का रिश्ता तय होने के बाद ससुराल पक्ष द्वारा दहेज की अधिक माँग को लेकर करीब 01 साल से चल रहे विवाद को महिला थाना प्रभारी रजनी सिंह चौहान द्वारा 01 दिन में दोनों पक्षों की काउन्सलिंग कर किया निपटारा जिसमें दोनों पक्ष हुए संतुष्ट श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय निवाडी श्री अंकित जयसवाल के निर्देशन, श्रीमान अति0 पुलिस अधीक्षक महोदय श्री सुरेंद्र सिंह डाबर एवं श्रीमान एसडीओपी महोदय निवाडी के उचित मार्गदर्शन में महिला थाना निवाङी से संतुष्ट होकर खुशी-खुशी महिला थाना निवाडी से रवाना हुआ । दिनांक 10-6-23 को प्रार्थी सीताराम अहिरवार तनय भसू अहिरवार निवासी मगहना तहसील गरौठा थाना गरौठा जिला झाँसी (उ.प्र.) के रहने वाले हैं,जो देख नही सकते थे,के द्वारा महिला थाना में आवेदन दिया गया कि प्रार्थी ने अपनी बेटी की शादी ग्राम बाबई तहसील निवाङी जिला निवाङी (म.प्र.) के रहने वाले तुलसीदास के बेटे सोनू अहिरवार के साथ तय की थी शादी को तय हुए पूरा एक साल हो गया है । आवेदक सीताराम के द्वारा बताय़ा गया कि मेरे तीन लङकी है , और लङका एक भी नहीं है तो लङके वाले वोल रहे है, कि पहले अपनी जमीन अपनी लङकी के नाम करो तभी रिश्ता करेगें नहीं तो रिश्ता नही करेंगें तो आवेदक सीताराम ने बोला की अभी मैं अपनी जमीन किसी के नाम नहीं करुँगा क्योंकि बुढापे में मेरा कोई सहारा नहीं है और अगर अपनी जमीन किसी के भी नाम कि तो मेरा क्या होगा । आवेदक सीताराम द्वारा यह भी बताया गया कि जब मेरी लङकी की शादी तय की गई थी तब लङके बालों मुझसे ऐसी कोई माँग नही रखी थी । सिर्फ मेरे लङकी की गोदी भरी ही गई जिसमें लङके वाले ने पाँव की चैन चाँदी की और सोने की गले की लोकेट थी कपङा फल सिंगारदानी थी, एवं सीतारामजी द्वारा फलदान में 26551 रू दिये थे साथ ही आवेदक सीताराम का कहना था, कि वह अब ऐसे लोगों के यहाँ शादी नही करना चाहते है न ही एफआईआऱ कराना चाहते है क्योकि लङके वाले उनके पूर्व के रिश्तेदार हैं । आवेदक सीताराम अपने व्यथा बताते हुए महिला थाना प्रभारी के सामने भावुक होकर रोने लगे तब महिला थाना प्रभारी द्वारा उनको चुप कराते हुए सही कार्यवाही का भरोसा दिलाया एवं आवेदक सीताराम की मनोदशा को समझते हुए थाना प्रभारी निरीक्षक रजनी सिंह चौहान के द्वारा दूसरे पक्ष को महिला थाना बुलाया और दोनों पक्षों की बात सुनी तब महिला थाना प्रभारी द्वारा गंभीरता से पूरे प्रकरण को समझते हुए दोनों पक्षों से बात करते हुए निष्कर्ष निकाला की सीताराम के द्वारा जो 26551 रुपये तुलसीदास के बेटे के फलदान में दिये थे वह तुलसीदस सीताराम को वापिस कर दे सीताराम स्वयं भी यही चाहते थे । दोनों पक्षों का शादी संबंधी लेन-देन का विवाद जब से शादी तय हुई थी तब से चल रहा था , लेकिन महिला थाना प्रभारी रजनी सिंह चौहान की सूझ-बूझ एवं तत्परता से काम करते हुए ,आवेदक सीताराम के 26551 रुपये वापिस कराकर निराकरण करते हुए करीब 01 साल से चल रहे विवाद को 01 दिन में दोनों पक्षों की काउन्सलिंग कर विवाद का निपटारा करवाया गया जिसमें दोनों पक्ष हुए संतुष्ट । साथ ही महिला थाना प्रभारी द्वारा दोनों पक्षों को दहेज न लेने व न देने के संबंध में समझाते हुए वताया की दहेज प्रथा एक कुरीति है जिसका हमें विरोध तकरने चाहिए न की बढावा देने चाहिए। यह भी समझाया गया कि दहेज लेना व देना दोनों ही कानूनन अपराध है दोनो के विरूध्द कानूनी कर्यवाही भी हो सकती है दोनो पक्षों ने अपनी गलती मानी और भरोसा दिलाया कि भविष्य में जब भी वह अपने बच्चो की शादी करेंगे तो न तो दहेज लेगे और नही देगे । साथ ही महिला थाना प्रभारी की कार्यवाही से संतुष्ट और खुश होकर आवेदक की पत्नि द्वारा महिला थाना प्रभारी को अपनी बेटी कहते हुए आशीर्वाद के तोर पर 100 रुपये देते हुए निरी. रजनी सिंह चौहान के सिर पर हाथ फेरने लगी उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी निरीक्षक रजनी सिंह चौहान सहायक उपनिरीक्षक हेमलता वर्मा प्रधान आरक्षक जयसिहं राठौर आरक्षक राकेश कुमार, आरक्षक देवेश राजपूत, आरक्षक मनोज विश्वकर्मा आरक्षक मनीष कुमार पटेल, महिला आरक्षक रश्मि तिवारी महिला आरक्षक कल्पना राजा, महिला आरक्षक निधि जोशी आदि का सहयोग रहा ।
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