उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के निवासी सुदेश कुमार ने मानवता का सन्देश देने के साथ-साथ देश में बेरोजगारी की समस्या के समाधान के लिए देश की राजधानी दिल्ली से कोलकाता के दक्षिणेश्वर मंदिर तक हाथों में राष्ट्रीय ध्वज केलेकर पैदल यात्रा पर निकाले है। बुधवार को वह देश के राष्ट्रीय ध्वज के साथ बंगाल और झारखंड की सीमा पार कर कुल्टी थाना के डिबुरडीही चेक पोस्ट से होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 19 के चौरंगी मोड़ पर पहुंचे. इस दौरान वहां पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि वह पिछले दो महीने में अब तक करीब 1300 किमी का सफर तय कर चुके हैं. हालांकि, रास्ते में उनकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि उनके हाथों में राष्ट्रीय ध्वज है जिस वजह से सूर्यास्त के बाद यात्रा को रोकनी पड़ रही है। क्योंकि राष्ट्रीय ध्वज को सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले फहराना संभव नहीं है। इसलिए उस समय उन्हें आराम करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। वह पेशे से एक दिहाड़ी मजदूर है। इससे पहले वह उत्तर प्रदेश के इटावा जिले स्थित अपने आवास से साइकिल से दिल्ली गए थे।
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