श्रमण संघीय राष्ट्रसंत श्री कमलमुनिजी कमलेश, तपोकेशरी श्री घनश्यामजी म.सा., सेवाभावी श्री कौशलमुनिजी म.सा., तपोमूर्ति महिदपुर गौरव श्री अक्षतमुनिजी म.सा. ठाणा-4 का भव्य मंगलप्रवेश प्रमोद आंचलिया के निवास से प्रारंभ होकर स्थानीय श्री खरतरगच्छ आराधना भवन असाढ़ी गली पहुंचकर धर्मसभा हुई। इस अवसर पर कमलमुनि कमलेश ने धर्मसभा का संबोधित करते हुए कहा कि महापुरुषों के विचारों को अपने विचारों से जोड़ोगे तो नई उर्जा का संचार होगा। विचारों का टकराव हथियारों से भी ज्यादा खतरनाक होता है। महापुरुषों की वाणी में जितना गोता लगाओगे उतनी आपकी आत्मा निर्मल और शुद्ध होगी। आपने कहा कि उर्जा राम में भी थी और रावण में भी थी। कृष्ण में भी थी और कंस में भी थी किन्तु दिशा पृथक पृथक थी। कार्यक्रम के प्रारंभ में कु. ध्वनि मेहता एवं हितैषी पाटनी ने नृत्य के माध्यम से मंगलाचरण प्रस्तुत किया। अणु महिला मण्डल की श्राविकाओं ने स्वागत गीत गाया।
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