सौसर – मछली मरने से भोई समाज पर छाया जीवन यापन का संकट

मछली खरबूजा और सब्जी इनके परिवार के भरण पोषण के लिए मुख्य हैं जीवनदायिनी कान्हान नदी जो मध्य प्रदेश से बहकर महाराष्ट्र जाती है लेकिन अब इस कन्हान नदी को औघोगिक क्षेत्र की कंपनियों की नजर लगी है औद्योगिक क्षेत्र के कंपनियों की दूषित पानी बिना ट्रीट कर नाले में छोड़ा जा रहा है जो नाले से होकर कन्हान नदी पहुंच रहा है कंपनियों का केमिकल युक्त गंदे पानी से नदी का पानी दूषित हो रहा है जो नियम कानून को ताक पर रखकर कंपनियों का संचालन कर रहे हैं कंपनियों से निकलने वाला दूषित पानी छोड़े जाने से कन्हान नदी की मछलियां मर गई वही भोई समाज का जीवन यापन कन्हान नदी के ऊपर निर्भर होता है मछलियां मरने से वही भोई समाज बड़ी दुविधा के संकट में फंसा हुआ है, उनके परिवार का भरण पोषण का एकमात्र जरिया खरबूजा उत्पादन एवं मछली से होता है प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के चलते कन्हान नदी अपने अस्तित्व खोती हुई दिखाई दे रही है जीव जंतु पर भारी संकट मंडराता दिखाई दे रहा है वही समाज के लोगों ने कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराने पर भी प्रशासनिक अमला किसी प्रकार की कार्यवाही करते दिखाई नहीं दे रहे। वही भोई समाज के लोगों का कहना है अधिकारी आते हैं और हमें ही कानून नियम बताकर कर चले जाते हैं कंपनियों पर किसी प्रकार की कोई कायवाही नहीं करती सांवगा कन्हान नदी पहुंची प्रदूषण विभाग की टीम प्रदूषण विभाग ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जारी की जांच पड़ताल

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