शहरी क्षेत्र की लगभग सवा लाख की आबादी को सार्वजनिक स्थल पर ठंड व शुद्ध पानी मिल सके इसके लिए नगर पालिका बस्ती ने चार माह पहले दिसंबद 2022 में 19 लाख की परियोजना को वाटर एटीएम के रूप में धरातल पर उतारा था। जिले के शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थानों पर 15 वाटर एटीएम मशीन स्थापित कराए गए, मगर चार माह में ही यह योजना ध्वस्त हो गई। अधिकांश में पानी नहीं आ रहा है, मगर जहां आ रहा है वहां पानी पीला है। इसका स्वाद भी ठीक नहीं है। नगर पालिका बोर्ड की ओर से कार्यकाल समाप्ति के अंतिम दौर दिसंबर 2022 में लंबे समय से प्रस्तावित वाटर एटीएम स्थापना को हरी झंडी मिली। इस योजना पर 19 लाख रुपये खर्च किया गया। शहर के गांधी नगर,कलेक्ट्रेट, शास्त्री चौक, मालवीय मार्ग, नगर पालिका परिषद कार्यालय, रोडवेज, अस्पताल चौक, स्टेशन के निकट, दक्षिण दरवाजा चौकी के निकट, पांडेय बाजार, जलकल परिसर सहित कुल पंद्रह स्थानों पर इसे स्थापित करा दिया गया। इस वाटर एटीएम को दो रुपये में एक लीटर पानी की व्यवस्था बनाई गई थी, मगर तब जब इसे स्थापित किया गया तो उस समय मौसम ठंडक का था। ऐसे में उस समय लोग इसको उपयोग नहीं किया और इन एटीएम मशीनों के उपयोगों पर लोगो ने ध्यान भी नही दिया । चार माह में कहीं-कहीं ही इसे प्रयोग किया जाता था, मगर अब भी रोडवेज, शास्त्री चौक, स्टेशन के निकट, दक्षिण दरवाजा चौकी के निकट स्थित वाटर एटीएम में पानी नहीं मिल रहा है। इसके अलावा पालिका परिसर में स्थापित वाटर एटीएम का पानी थोड़ी देर रखने के बाद पीला पड़ जाता है। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि एक तरफ जहाँ सरकार द्वारा शुद्ध और स्वच्छ जल की उपलब्धता पर लाखों रुपये खर्च किये जाते है बावजूद महकमे की उदासीनता के चलते वह केवल ठगे से महसूस कर रहे है।जिसके कारण वह आज भी 20 रुपये बोतल पानी खरीदने को मजबूर है।
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