ग्वालियर – अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल समूह के नवनिर्मित एक हजार बिस्तर वाले अस्पताल में …

ग्वालियर अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल समूह के नवनिर्मित एक हजार बिस्तर वाले अस्पताल में मरीजों के लिए स्ट्रैचर की उपलब्धता पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। एक आर्थोपेडिक मरीज को उसके परिजन चादर में बिठाकर स्ट्रेचर के रूप में खींचते हुए नजर आए ।खास बात यह है कि बुजुर्ग को उसकी बहू अस्पताल लेकर आई थी उसे स्ट्रेचर एवं अटेंडेंट के नहीं मिलने पर चादर में अपने ससुर को खींचने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस बुजुर्ग का इको होना था मूलत: भिंड के रहने वाले श्री कृष्ण ओझा वर्तमान में जनक गंज इलाके के सूबे की गोठ में रहते हैं। साइकिल से गिरने के कारण उनके एक पैर में फैक्चर हो गया था।श्री कृष्ण ओझा की बहू उसे डॉक्टर को दिखाने के बाद उनकी सलाह पर इको कराने के लिए स्ट्रेचर की तलाश करती रही। लेकिन उसे स्ट्रेचर नहीं मिला तब महिला ने अपने पास मौजूद एक चादर को स्ट्रेचर बनाया और उसमें बुजुर्ग को बिठाकर खींचा। यह वीडियो शनिवार को जब वायरल हुआ तब जिम्मेदार अधिकारियों के कान खड़े हुए। आनन-फानन में इस वीडियो को फैब्रिकेटेड बताकर अस्पताल को बदनाम करने की बात कहीं जा रही है ।जयारोग्य अस्पताल के अधीक्षक एवं संयुक्त संचालक डॉ आरकेएस धाकड़ ने कहा है कि अस्पताल में 95 स्ट्रेचर उपलब्ध है। किसी भी मरीज को स्ट्रेचर के कारण परेशान नहीं होना पड़ता है और चिकित्सकों को भी स्पष्ट आदेश है कि यदि आर्थोपेडिक पेशेंट को कहीं जांच आदि कराने भेजना है तो उसके लिए एंबुलेंस इस्तेमाल में लाई जाए ।चार एंबुलेंस भी अस्पताल में मौजूद हैं। अधीक्षक के मुताबिक शनिवार को भी चार मरीजों को जांच के लिए एंबुलेंस से भेजा गया है ।उन्होंने पूरे घटनाक्रम की जांच के आदेश दे दिए हैं। घटनाक्रम को कांग्रेस ने इसे बेहद शर्मनाक बताया है और कहा है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके सहयोगी सिर्फ फीता काटने के लिए ही आते हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बेहद जरूरी स्वास्थ्य विभाग में उनकी नाक के नीचे क्या चल रहा है यह किसी से छुपा नहीं है ।अस्पताल मरीजों की सुविधा के लिए बना था लेकिन अब यही सुविधा नहीं मिलने से उन्हें परेशान होना पड़ रहा है। कांग्रेस ने कहा कि सिर्फ नए प्रोजेक्ट भ्रष्टाचार के लिए ही लाए जा रहे हैं जनता से इनका सरोकार नहीं है। वहीं ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न तोमर ने कहा है कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है वह जांच के बाद ही इस मामले में कुछ कह सकते हैं ।उधर गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉक्टर अक्षय निगम ने इस वीडियो की प्रासंगिकता पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि पर्याप्त संख्या में स्ट्रेचर उपलब्ध होने के बावजूद यह ऐसा लगता है किसी ने जानबूझकर अस्पताल को बदनाम करने की नियत से वीडियो बनवाया है ।फिर भी उन्होंने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।

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