रामगढ़ जिले के रजरप्पा थाना क्षेत्र अंतर्गत भुचूंगडीह गांव में बुधवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया। एक अवैध कोयला खदान में अचानक जमीन धंस गई, जिसमें आग बुझाने का काम कर रहा ठेका मजदूर लपटों में समा गया। घटना के चार घंटे बीत जाने के बाद भी लापता मजदूर का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। मजदूर की पहचान रविंद्र महतो, पिता स्व. मथुरा महतो, ग्राम बंदा, थाना गोला (रामगढ़) निवासी के रूप में की गई है। बताया जा रहा है कि वह खदान में लगी आग बुझाने के कार्य में लगा हुआ था, तभी यह हादसा हो गया। दो माह से धधक रही थी खदान, अनदेखी पड़ी भारी स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह अवैध खदान पिछले करीब दो माह से जल रही थी। गांव के लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस संबंध में कई बार प्रशासन को सूचित किया था। रामगढ़ जिला प्रशासन ने इस संबंध में सीसीएल को पूर्व में ही आग बुझाने के निर्देश दिए थे, लेकिन कार्रवाई नहीं हो सकी। लापरवाही से घटी बड़ी घटना स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते उचित कदम उठाए जाते, तो इस तरह की घटना

से बचा जा सकता था। अवैध खनन न केवल पर्यावरण और सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि अब यह लोगों की जान पर बन आया है। प्रशासन और संबंधित एजेंसियों की निष्क्रियता ने एक निर्दोष मजदूर की जान को खतरे में डाल दिया। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल घटना के बाद मौके पर हड़कंप मच गया। रेस्क्यू टीम को तुरंत मौके पर भेजा गया है, लेकिन अभी तक मजदूर का कुछ पता नहीं चल पाया है। लापता मजदूर के परिजन मौके पर पहुंच चुके हैं और रो-रो कर बेहाल हैं। स्थानीय ग्रामीणों में भी भारी आक्रोश देखा जा रहा है। अब उठ रहे हैं ये सवाल: प्रशासन और सीसीएल ने पहले से दी गई जानकारी के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं की? अवैध खदानों के संचालन को किसका संरक्षण प्राप्त है? ठेका मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या इंतज़ाम हैं?