मजदूरों को मौत के मुहाने पर भेज रहा माइनप आउटसोर्सिंग कंपनी खदान में सुरक्षा से खिलवाड़, 22 दिनों से खराब है गैस पंखा बाघमारा क्षेत्र की मुराईडीह- माइंस में एक बार फिर से सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। यहां माइनप आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा संचालित भूमिगत खदान में सुरक्षा मानकों की घोर अनदेखी सामने आई है। यहां पिछले 22 दिनों से वेंटिलेशन फैन, यानी गैस पंखा खराब पड़ा है। इससे खदान के भीतर जहरीली गैसों का जमाव हो रहा है। खनन कार्य भले ही दो वर्षों से बंद है, लेकिन आपातकालीन कार्य में लगे मजदूरों को बिना गैस पंखा चालू किए ही अंदर भेजा जा रहा है। मजदूरों का कहना है कि इस बारे में कई बार प्रबंधन को सूचित किया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। “वही मजदूरो का कहना है “हर दिन डर के साए में काम करना पड़ता है। सांस लेने में तकलीफ होती है, लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है…” (पहला मुदा ) खनन सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, भूमिगत खदानों में वेंटिलेशन सिस्टम का सही होना बेहद जरूरी होता है। इसकी खराबी से गैस रिसाव, दम घुटना या विस्फोट जैसे गंभीर हादसे हो सकते हैं। स्थानीय सामाजिक संगठनों और मजदूर यूनियनों ने इस पर गहरी नाराजगी जताते हुए प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप और खदान में सुरक्षा जांच की मांग की है। (दूसरा मुद्दा – रैयतों की नाराजगी) इसी खदान से जुड़ा एक और बड़ा विवाद है – जमीन देने वाले ग्रामीणों की

नाराजगी। करीब 150 स्थानीय रैयतों ने कंपनी को जमीन रोजगार की शर्त पर दी थी, लेकिन अब वे खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी फॉरेस्ट क्लीयरेंस का बहाना बनाकर पिछले दो वर्षों से खदान शुरू करने से बच रही है। (तीसरा मुद्दा – जबरन ट्रांसफर का दबाव) – कंपनी प्रबंधक अबोध ठाकुर पर आरोप है कि स्थानीय मजदूरों को बंगाल के चिनाकुरी माइंस में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जबकि मजदूरों का कहना है कि उन्होंने जमीन माइनप में काम के लिए दी थी, बंगाल जाने के लिए नहीं। (संभावित साजिश – खदान बंद करने की तैयारी?) सूत्रों के मुताबिक, खदान से बोल्टर माइन मशीन हटाने की तैयारी की जा रही है। इससे ये आशंका गहराई है कि कंपनी खदान को पूरी तरह बंद करने की योजना में है। माइनप खदान में जारी अनियमितताओं ने मजदूरों और ग्रामीणों की सुरक्षा, रोजगार और अधिकारों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ज़रूरत है कि प्रशासन और बीसीसीएल इस मामले में अविलंब हस्तक्षेप करें, और सुरक्षा मानकों की बहाली के साथ-साथ स्थानीय लोगों के साथ किए गए समझौतों का पालन सुनिश्चित करें। बाघमारा ,मुराईडीह से चन्दन कुमार गुप्ता कि रिपोर्ट