पाकुड़ के अखारी पोखर पर की गई अतिक्रमण को अनुमंडल दंडाधिकारी के कोर्ट के आदेश पर खाली कराया गया। इस मामले पर उक्त पोखर का मालिकाना हक रखने वाले पार्थ सारथी ने जिले के पुलिस अधीक्षक व अनुमंडल पदाधिकारी के प्रति आभार व्यक्त किया। पार्थ सारथी ने बताया कि कुछ माह पूर्व तालाब को कतिपय सरकारी सेवक और भूमाफिया की मिली भगत से मिट्टी भरकर कब्जा करने का प्रयास किया गया था जिसका विरोध स्थानीय लोगों के द्वारा की गई थी और शासन के समक्ष लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। उक्त शिकायत के मद्देनजर अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा निषेधाज्ञा 163 लागू कर दी गई थी। पोखर के रैयत पार्थ सारथी उपाध्याय के द्वारा सिविल कोर्ट में क्रिमिनल मि वाद संख्या 86/ 2025 दायर की गई थी।

उक्त वाद की सुनवाई पूरी कर 3 मई को अनुमंडल दंडाधिकारी की कोर्ट के द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि चूंकि उभय पक्ष प्रश्नगत भूमि के अंश धारक है।ऐसी स्थिति में किसी भी पक्ष के विरुद्ध या हित में निषेधाज्ञा को अत्यधिक अथवा रिक्त करने का आदेश पारित किया जाना उचित प्रतीत नहीं होता। ऐसे में दाग संख्या 09 में अवस्थित पोखर को उनके मूल स्वरूप में लाने का आदेश दिया जाता है । कोर्ट के आदेश पर पार्थ उपाध्याय द्वारा अपनी देखरेख में तालाब में भरी गई मिट्टी को हटाने का काम किया गया। इस संबंध में पार्थ सारथी ने बताया कि जब वे तालाब की मिट्टी को खाली कराने का काम कर रहे थे तो कुछ लोग आकर उन्हें धमकाने का प्रयास किया, वे तुरंत इस बात को लेकर पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार से जाकर मिले और उन्हें सारी वस्तु स्थिति से अवगत कराया। पुलिस अधीक्षक ने तुरंत इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नगर थाना के इंचार्ज को घटना स्थल पर भेज कर सहयोग किया। इस कार्य के लिए उन्होंने पुलिस अधीक्षक के प्रति आभार व्यक्त किया। इधर स्थानीय ग्रामीणों ने भी पुलिस प्रशासन के इस एक्शन की सराहना की है।