15 दिन पहले, बैसरन की खूबसूरत वादियाँ लहू से लाल हो गईं थीं। 26 निर्दोष लोगों की चीखें हवाओं में गूंजती रहीं… और देश चुप था। पर ये चुप्पी तूफान से पहले की थी। मंगलवार की आधी रात… भारत ने लिया अपने 26 शहीदों का बदला। ऑपरेशन सिंदूर – पाकिस्तान की धरती पर दहाड़ बनकर टूटा। F-16 और JF-17 की अकड़ ‘आकाश’ मिसाइलों ने तोड़ी। आतंकी संगठन – जैश और लश्कर के गढ़ अब खंडहर हैं। और भारत की छवि — और भी मज़बूत। रात के 2 बजे… पूरा देश जाग रहा था। आँखें नम

थीं… पर सीना गर्व से चौड़ा था। देश की भावनाओं को शब्द मिले – आकाश चोपड़ा बोले: ‘एक साथ हम खड़े हैं।’ प्रज्ञान ओझा – ‘जय हिंद, जय हिंद की सेना।’ सहवाग ने लिखा – ‘धर्मो रक्षति रक्षितः।’ और पूरा भारत एक स्वर में बोला — जय हिंद! ऑपरेशन सिंदूर: ये बदला नहीं, ये संकल्प है – आतंक के हर जड़ तक पहुंचने का। भारत अब चुप नहीं रहेगा। हर शहीद की कुर्बानी का हिसाब होगा… हर बार। जय हिंद।