पाकुड़ शहरवासी बालू लदे ट्रैक्टर के परिचालन से काफी परेशान हैं। अहले सुबह बालू लदे ट्रैक्टर का जमावड़ा धनुषपूजा स्कूल से लेकर पुराने उपायुक्त कार्यालय चौक तक लगा रहता है। इस दौरान तमाम स्कूलों के बसों का भी परिचालन होता है एवं खुद बाइक से अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने वाले अभिभावकों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है। इतना ही नहीं ओवरलोड बालू लदे ट्रैक्टर शहर के विभिन्न मुहल्लों से भी गुजरते हैं जिनसे मुहल्लों में जाम की स्थिति बन जाती है। इस मामले में समाजसेवी आलोक जाय पाल ने इसका एक अलग ही पक्ष सामने रखते हुए कहा कि बालू की कीमत में बेतहाशा बढ़ोतरी कर दी गई है। आलोक के अनुसार प्रति ट्रैक्टर आठ हजार रुपए देना पड़ता

है जो कि आम आदमी के लिए परेशानी की बात है। बालू की बढ़ी कीमतों के बाबत आलोक जाय पाल ने कहा कि ट्रैक्टर चालक व बालू विक्रेता बताते हैं कि लोडिंग साइड में दाम बढ़ा दिया गया है एवं रास्ते में अलग-अलग नाम पर उगाही के कारण मजबूरन कीमत बढ़ानी पड़ती है। इस मामले में एक चालक ने नाम ना छापने के शर्त पर बताया कि अगर लोडिंग की कीमत कम कर दी जाए व रास्ते में उगाही को बंद कर दिया जाए तो पाकुड़ में बालू की कीमत 5000 के आसपास हो जाएगी।