देशभर में 154 स्थानों पर ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ भावपूर्ण वातावरण में मनाया गया I

सनातन संस्था की प्रेसविज्ञप्ति

दिनांक : 13.07.2022

देशभर में 154 स्थानों पर ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ भावपूर्ण वातावरण में मनाया गया

धर्म की रक्षा के लिए हमें नियमित प्रयास करने का संकल्प आज गुरुपूर्णिमा के दिन लेना आवश्यक है – डॉक्टर नील माधव दास, संस्थापक, तरुण हिंदू, धनबाद

धनबाद :  ‘सुखस्य मूलं धर्मः।’, अर्थात सुख का मूल धर्माचरण में है । यदि समाज और राष्ट्र को सुचारू रूप से चलाना है तो सभी क्षेत्रों में धर्म की स्थापना आवश्यक है । व्यक्तिगत या सामाजिक जीवन में धर्म का अधिष्ठान आने से व्यक्ति नीतिवान बनता है और कुछ भी गलत काम करने से बचता है । इसलिए धर्म का अधिष्ठान हुआ, तो ही धर्माधारित यानि आदर्श समाज का निर्माण हो सकता है । इसलिए राष्ट्र को वास्तविक रूप से उर्जितावस्था प्राप्त करनी हो, तो धर्माधारित हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता है । उसके लिए प्रत्येक को धर्मशिक्षा लेकर, धर्माचरण कर धर्माधारित समाज का निर्माण और धर्माधारित हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए सक्रिय होना चाहिए । कालानुसार हिन्दू राष्ट्र के लिए योगदान देना श्रीगुरु के समष्टि रूप की सेवा ही है, ऐसा प्रतिपादन कु. कनक भारद्वाज ने इस अवसर पर किया । सनातन संस्था द्वारा आयोजित गुरुपूर्णिमा महोत्सव में वे बोल रही थी ।  गुरुपूर्णिमा शंभू धर्मशाला, पुराना बाजार, धनबाद में भावपूर्ण वातावरण में मनाया गया  और देशभर में 154 स्थानों पर  ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ भावपूर्ण वातावरण में मनाया गया ।

डॉ. नील माधव दास जी ने कहा, ‘गुरुपूर्णिमा यह हिंदू धर्म की विशेषता है । आज समाज में धर्मांतरण की समस्या बड़ी मात्रा में बड़ी है । तरुण हिंदू इसको रोकने के लिए नियमित प्रयासरत है । तरुण हिंदू संगठन की हिंदू राष्ट्र के लिए समर्पित रूप से कार्य करता है ।

  महोत्सव के प्रारंभ में श्री व्यासपूजा और प.पू. भक्तराज महाराजजी की प्रतिमा का पूजन किया गया । देशभर में हुऐ गुरुपूर्णिमा के अवसर पर सनातन संस्था का मराठी तथा हिंदी भाषा में ‘परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजीकी गुरुसे हुई भेंट एवं उनका गुरुसे सीखना’,  अंग्रेजी भाषा में ‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेज् स्पिरिच्युअल वर्कशॉप्स इन 1992’, ‘सीकर्स रिवील यूनिक फेसेटस् ऑफ परात्पर गुरु डॉ. आठवले’, ‘एफर्टस् एट द स्पिरिच्युअल लेवल फॉर रिमूवल ऑफ पर्सनॅलिटी डिफेक्टस्’ और ‘हाऊ टू प्रोग्रेस फास्टर स्पिरिच्युअली थ्रू सत्सेवा ?’ इन ग्रंथो का प्रकाशन किया गया ।   इस कार्यक्रम का 80 जिज्ञाशुओ ने लाभ लिया ।

   9 भाषाओं में ‘ऑनलाइन गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ : इस वर्ष सनातन संस्था द्वारा मराठी, हिन्दी, अंग्रेजी, कन्नड, तमिल, तेलगु, गुजराती, बंगाली, उडिया आदि 9 भाषाओं में ऑनलाइन के माध्यम से गुरुपूर्णिमा महोत्सव संपन्न हुआ । इस माध्यम से देशविदेश के हजाराें श्रद्धालुओं ने ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सवों’ का लाभ उठाया । ऑनलाइन गुरुपूर्णिमा उत्सव में सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. आठवले की एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारी श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी ने ‘Importance Of Guru’ इस  ई-बुक का लोकार्पण किया ।

आपका विनम्र,

श्री. गुरुराज प्रभु
सनातन संस्था (संपर्क : 9336287971)

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