धरती पर स्वर्ग माने जाने वाले कश्मीर की पहलगाव घाटी में 22 अप्रैल 2025 को आतंकवादियों के द्वारा निर्दोष पर्यटकों कि नृशंस हत्या किए जाने से आक्रोशित होकर शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025 को विनोबा भावे विश्वविद्यालय मुख्यालय मे विद्यार्थियों ने एक विशाल रैली निकाली। यह रैली हिंदी विभाग के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के पहल पर निकाली गई। अलग-अलग विभाग के विद्यार्थी एवं शिक्षक इस कार्यक्रम मे बढ़ चढ़ कर भाग लिए। रैली में विभिन्न विभागों से बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने दो पंक्ति में कतारबद्ध होकर भाग लिया। इसमें अच्छी संख्या में शिक्षक भी सम्मिलित हुए। कई विद्यार्थियों के हाथों में तखतीयां थी। इस पर ‘पहलगाव हिंसा के साजिश कर्ताओं को मिट्टी में मिलाओ, मिट्टी में मिलाओ’ तथा ‘नहीं सहेंगे नहीं सहेंगे, नरसंहार नहीं सहेंगे,’ जैसे आक्रामक स्लोगन लिखे हुए थे। आचार्य विनोबा भावे की प्रतिमा स्थल से चलकर यह रैली विनोदिनी पार्क का एक चक्कर लगाने के बाद फिर से प्रतिमा गोलंबर के पास पहुंची। यहां पहुंचकर यह एक सभा में तब्दील हो गई। हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ

सुबोध सिंह शिवगीत ने कार्यक्रम का संचालन किया। सभा में पहलगाव हिंसा में मारे गए लोगों एवं उनके परिवार जनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की गई। कायर हत्यारो को पड़कर कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की गई। यह भी मांग की गई कि आतंकवाद पर ऐसी कार्रवाई हो कि इसके नामो-निशा भारत की धरती से मिट जाए। विद्यार्थियों ने ‘धर्म पूछ कर हत्या’ किए जाने की नई तरकीब के आधार पर समाज को बांटने की कोशिश को असफल बनाने का भी संकल्प लिया। अपने को खतरा में डालकर भी जिन कश्मीरीयों ने पर्यटकों की सुरक्षा की व्यवस्था की उनकी सराहना की गई। सभा स्थल पर भारत ‘माता की जय’, ‘जय हिंद’ तथा ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए गए। अंत में सभी दिवंगत आत्माओं की शांति तथा उनके परिजनों को इस भीषण दुख की घड़ी का सामना करने के लिए हिम्मत प्रदान हेतु प्रार्थना करते हुए दो मिनट का मौन धारण किया गया।