जी हां जैसे ताजा जख्म पुराने जख्म को भुला देती ठीक उसी प्रकार कश्मीर के पहलगाम में हुए नरसंहार ने सम्भल दंगा या फिर पश्चिम बंगाल में हुए हिंदुओं के प्रति हिंसा जैसे जख्मों को पूरा देश भूल कर पहलगाम का हिसाब मांग रहा है परंतु ऐसे में भी सत्ता पक्ष और विपक्ष राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं सत्ता पक्ष एक और कैंडल मार्च निकालकर आक्रोश रैली निकाल कर मृतकों के परिवार वालों के लिए संवेदना प्रकट करके प्रदर्शन कर रहा है तो दूसरी ओर विपक्ष मोदी अकुशल शासन को लेकर सवाल

खड़ा कर रहा है विपक्ष भी तरह तरह कैंडल मार्च निकालकर संवेदना प्रकट तो कर रहा है किंतु मोदी से इस्तीफे की मांग भी कर रहा है । सुनिए क्या कह रहे हैं झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता। उन्हें पहलगाम में मरे हुए लोगों के लिए सहानुभूति भी है पर ये मानने को तैयार नहीं हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म या मज़हब होता है प्रस्तुत है पंकज सिन्हा की रिपोर्ट धनबाद से।