पश्चिम बंगाल में सुप्रीम कोर्ट के ताजे फैसले के बाद, 25,000 से अधिक शिक्षकों की नौकरी अब खतरे में आ गई है। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखते हुए, एसएससी द्वारा की गई नियुक्तियों को अवैध करार दिया है। इस फैसले से बेरोजगार हुए शिक्षकों की उम्मीदें अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से जुड़ी हुई हैं।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जिनका प्रशासन इन दिनों इस मुद्दे पर आलोचनाओं का सामना कर रहा है, जल्द ही उन शिक्षकों से मुलाकात करने वाली हैं जिन्होंने अपनी नौकरी खो दी है। यह बैठक उन शिक्षकों के लिए एक नई उम्मीद का अवसर बन सकती है, जिन्होंने सात सालों तक अपनी नौकरी की मेहनत की और अब अचानक बेरोजगार हो गए हैं।“हमें सीएम से उम्मीदें हैं। हमने नौकरी पाने के लिए सभी प्रक्रियाएं पूरी की हैं। 7 साल तक नौकरी करने के बाद, अब हम बेरोजगार हैं। हमें हमारी

नौकरी वापस चाहिए।”इस फैसले से लाखों शिक्षकों की जिंदगी पर असर पड़ा है। इन शिक्षकों ने एसएससी के जरिए सरकारी स्कूलों में नौकरी पाई थी, लेकिन अब इनकी नियुक्ति अवैध ठहराई गई है। इसके बाद, शिक्षा विभाग में इस मुद्दे को लेकर गहरी चिंता है, और शिक्षकों के लिए न्याय की उम्मीदें अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निर्भर हैं।अब देखना यह होगा कि ममता बनर्जी इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती हैं और इन शिक्षकों को न्याय दिलवाने के लिए क्या समाधान सामने आता है। इस बीच, शिक्षक बेरोजगारी की कड़ी चुनौती से जूझ रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ममता की ओर से मिलने वाली उम्मीदों से उन्हें राहत मिल सकती है।