बोकारो से बड़ी खबर सामने आ रही है। डुमरी विधायक जयराम महतो को बोकारो डीसी कार्यालय में प्रवेश से रोक दिया गया। झारखंड की राजनीति में एक बार फिर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच टकराव खुलकर सामने आया है। जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को जब डुमरी विधायक जयराम महतो किसी जनहित मुद्दे को लेकर बोकारो डीसी ऑफिस पहुंचे, तो प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया। कोई स्पष्ट वजह नहीं बताई गई, केवल सुरक्षा प्रोटोकॉल का हवाला देकर उन्हें अंदर जाने से मना कर दिया गया। स्थिति उस वक्त बदली जब बोकारो विधायक श्वेता सिंह मौके पर पहुंचीं। उन्होंने घंटों मशक्कत की, अधिकारियों से बातचीत की और अंततः विधायक जयराम महतो को कार्यालय में प्रवेश की अनुमति मिल सकी। यह घटना प्रशासनिक प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है और लोकतांत्रिक मूल्यों को चुनौती देती दिख रही है। विधायक जयराम महतो के समर्थकों का कहना है

जब एक चुना हुआ जनप्रतिनिधि ही डीसी ऑफिस में नहीं घुस सकता, तो आम आदमी की आवाज़ कौन सुनेगा?” मौके पर मौजूद महिलाओं ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी। “हम अपनी समस्याएं लेकर आए थे, सोचा विधायक जी डीसी से बात करेंगे। लेकिन जब उन्हें ही रोक दिया गया, तो हमारी समस्याएं कौन सुनेगा?” “ये सिर्फ एक विधायक नहीं, पूरे डुमरी क्षेत्र का अपमान है।” इस पूरे घटनाक्रम ने राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज़ कर दी है। विपक्ष इसे “प्रशासन की तानाशाही” करार दे रहा है, जबकि प्रशासन अभी तक मौन साधे हुए है। अब सवाल उठता है — क्या ये सिर्फ एक सुरक्षा चूक थी या किसी बड़े राजनीतिक दबाव का नतीजा?