जिसका विषय ” कार्य स्थल पर लैंगिक भेदभाव” था। मुख्य वक्ता के रूप में विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग के राजनीति विज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ मारग्रेट लकड़ा (अवकाश प्राप्त) थी। इस कार्यक्रम का शुरुआत करते हुए महाविद्यालय प्राचार्य डॉ नीलमणि मुखर्जी तथा महाविद्यालय के विमेन एंपावरमेंट सेल की समन्वयक डॉ मीना श्रीवास्तव ने मुख्य वक्ता को पौधा व शॉल देकर सम्मानित किया। प्राचार्य ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्रों को सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूक बनाने में सहायक होते हैं साथ ही अन्य को भी इससे अवगत करते हैं जो समाज में सकारात्मक संदेश देता है। और इस उद्देश्य को कार्य रूप देते हुए महाविद्यालय में इंटरनल कंप्लेंट सेल तथा विमेन एंपावरमेंट सेल का गठन किया गया है। मुख्य वक्ता डॉ मारग्रेट लकड़ा ने लैंगिक समानता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हमें अपनी सोच और व्यवहार में बदलाव करना आवश्यक है।” उन्होंने कार्यस्थल, शिक्षा और सामाजिक जीवन में लैंगिक भेदभाव के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। इस व्याख्यान के दौरान छात्रों ने अपने विचार व्यक्त किए और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के उपायों पर चर्चा की। कार्यक्रम के अंत में

प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों ने लैंगिक भेदभाव से जुड़े प्रश्न पूछे और समाधान के सुझाव प्राप्त किए। इस आयोजन का उद्देश्य छात्रों को लैंगिक समानता की दिशा में प्रेरित करना और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रोत्साहित करना था।मुख्य अतिथि के अलावा डा. बंशीधर रुखरियार तथा डा. ललिता राणा ने अपने विचार रखे। उन्होंने बताया की लिंग भेद क्या है और कैसे कार्यस्थल पर इसको रोका जा सकता है। व्याख्यान का संचालन डॉ प्रेरणा शर्मा तथा विषय प्रवेश डॉ सुचोरीता जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ विनीता ने किया।इस कार्यक्रम छात्र-छात्राओं के अलावा महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के शिक्षकों ने भाग लिया जिन छात्रों ने अपने विचार रखे उसमें तनिष्का,सुप्रिया,प्रियंका,हिमांशु,सौम्या,श्रीकांत, मानसी,राफिया, साक्षी,तन्नू,प्रगति,शिवानी थी।