पाकुड़ के सोनाजोड़ी के मटिया पहाड़ पर करोड़ों वर्ष पुराना जीवाश्म का भंडार मिला है। इस मामले में माडल कालेज राजमहल के विज्ञान संकाय के अध्यक्ष, भू वैज्ञानिक व पर्यावरणविद् डाo रंजीत सिंह ने बताया कि आज से पांच करोड़ वर्ष पहले कार्बोनिफेरस और पर्मियन काल में आस्ट्रेलिया, यूरोप, अंटलांटिका, एशिया को मिलाकर सुपर महाद्वीप हुआ करता था जिसे गोंडवाना लैंड कहते है। अस्मिक काल में पर्यावरण व वातावरण में बदलाव आने लगे और ज्वालामुखी विस्फोट हुआ जिसके सभी महाद्वीप अलग हो गए। ज्वालामुखी

की लावा ने पेड़ पौधे व जीव को ढक लिया जिन्हें पृथ्वी ने अरबों वर्ष तक सुरक्षित रखा। उन्हीं के अवशेष यहां आज जीवाश्म के रूप में देखे जा सकते हैं।राजमहल की पहाड़ियों की श्रृंखलाएं इसी हेतु पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बनाई है।