शहीद कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी की वीरता को सदैव याद रखा जाएगा। उनके सम्मान में हजारीबाग में स्मारक या मार्ग का नामकरण हो ये मेरा प्रयास रहेगा :– प्रदीप प्रसाद जम्मू-कश्मीर के अखनूर में हुए कायराना आईईडी हमले में भारतीय सेना के वीर अधिकारी कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी जी वीरगति को प्राप्त हुए। इस हमले में दो जवान शहीद हुए, जिनमें से एक हजारीबाग के लाल कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी थे। उनका बलिदान न केवल हजारीबाग बल्कि पूरे झारखंड और भारतवर्ष के लिए गर्व और शोक का विषय है। गुरुवार को जब शहीद का पार्थिव शरीर हजारीबाग पहुंचा, तो पूरे जिले में शोक और सम्मान का माहौल देखा गया। सदर विधायक प्रदीप प्रसाद ने शहीद के निवास स्थान, जुलु पार्क पहुंचकर शोक-संतप्त परिवार से मुलाकात की और इस कठिन समय में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। विधायक ने नम आंखों से कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा की कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी जी ने राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उनका बलिदान हम सभी के लिए प्रेरणा है। भारत माता के इस वीर सपूत को कोटि-कोटि नमन। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम उनके परिवार को हर संभव सहयोग प्रदान करें। शहीद के पार्थिव शरीर को उनके निवास स्थान पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया, जहां हजारों की संख्या में आमजन, समाजसेवी और युवा शामिल हुए। विधायक प्रदीप प्रसाद ने अंतिम यात्रा में भाग लिया । पूरे रास्ते गगनभेदी नारों से वातावरण गूंज उठा भारत माता की जय,शहीद कैप्टन करमजीत सिंह अमर रहें, जब तक सूरज चांद रहेगा, करमजीत तेरा नाम रहेगा हर आंख नम थी, लेकिन गर्व से भरी हुई थी कि हजारीबाग की मिट्टी

के इस वीर ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। शहीद परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन विधायक प्रदीप प्रसाद ने शहीद के पिता अजिंदर सिंह बक्शी जी और उनके परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी और भरोसा दिलाया कि राज्य और केंद्र सरकार से हर संभव सहायता दिलाने के लिए वे पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। शहीदों का बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाता। हम सबको गर्व है कि झारखंड की धरती ने ऐसे वीर सपूत को जन्म दिया। हजारीबाग की माटी इस बलिदान को कभी नहीं भूलेगी। सरकार और समाज की ओर से शहीद परिवार को हर संभव मदद मिलेगी। विधायक प्रदीप प्रसाद ने झारखंड सरकार से निम्नलिखित मांगें रखीं कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी जी के नाम पर हजारीबाग में एक स्मारक या मार्ग का नामकरण किया जाए,परिवार को समुचित आर्थिक सहायता दी जाए। शहीद के परिजनों को सरकारी नौकरी में प्राथमिकता दी जाए। कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी जी का यह बलिदान भारत की सुरक्षा में उनके अतुलनीय योगदान को दर्शाता है। उनकी वीरता और समर्पण की गाथा सदियों तक प्रेरणा देती रहेगी। हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि उनकी आत्मा को शांति मिले और उनके परिवार को इस कठिन समय में संबल प्रदान हो।